नारायण नारायण हरि हरि लिरिक्स Narayan Narayan Hari Bhajan Lyrics
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
जपता रहे जिसे मन सदा,
हरि तुम ही वो एक नाम हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
हो तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो।
ब्रह्म हो तुम ही,
जीव तुम ही,
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो,
जल में तुम ही,
थल में तुम ही,
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
ब्रह्म हो तुम ही,
जीव तुम ही,
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो,
जल में तुम ही,
थल में तुम ही,
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
वेद भी तुम ही,
ज्ञाता तुम ही,
पावन सुर और तुम ही तान हो,
योग तुम ही,
भोग तुम ही,
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हो वेद भी तुम ही,
ज्ञाता तुम ही,
पावन सुर और तुम ही तान हो,
योग तुम ही,
भोग तुम ही,
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
वृक्षों में तुम ही,
नदियों में तुम ही,
दाता तुम ही तुम ही दान हो,
पुन्य भी तुम ही,
पाप भी तुम ही,
सत-चित तुम आनंद धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हो वृक्षों में तुम ही,
नदियों में तुम ही,
दाता तुम ही तुम ही दान हो,
पुन्य भी तुम ही,
पाप भी तुम ही,
सत-चित तुम आनंद धाम हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
धर्म भी तुम ही,
अर्थ भी तुम ही,
मोक्ष भी तुम,
तुम ही काम हो,
तुम ही हो पिता,
माता तुम ही,
जग के सत्य का तुम प्रमाण हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हाँ धर्म भी तुम ही,
अर्थ भी तुम ही,
मोक्ष भी तुम्हीं,
तुम ही काम हो,
तुम ही हो पिता,
माता तुम ही,
जग के सत्य का तुम प्रमाण हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
हो तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो।
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
जपता रहे जिसे मन सदा,
हरि तुम ही वो एक नाम हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
हो तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो।
ब्रह्म हो तुम ही,
जीव तुम ही,
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो,
जल में तुम ही,
थल में तुम ही,
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
ब्रह्म हो तुम ही,
जीव तुम ही,
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो,
जल में तुम ही,
थल में तुम ही,
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
वेद भी तुम ही,
ज्ञाता तुम ही,
पावन सुर और तुम ही तान हो,
योग तुम ही,
भोग तुम ही,
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हो वेद भी तुम ही,
ज्ञाता तुम ही,
पावन सुर और तुम ही तान हो,
योग तुम ही,
भोग तुम ही,
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
वृक्षों में तुम ही,
नदियों में तुम ही,
दाता तुम ही तुम ही दान हो,
पुन्य भी तुम ही,
पाप भी तुम ही,
सत-चित तुम आनंद धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हो वृक्षों में तुम ही,
नदियों में तुम ही,
दाता तुम ही तुम ही दान हो,
पुन्य भी तुम ही,
पाप भी तुम ही,
सत-चित तुम आनंद धाम हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
धर्म भी तुम ही,
अर्थ भी तुम ही,
मोक्ष भी तुम,
तुम ही काम हो,
तुम ही हो पिता,
माता तुम ही,
जग के सत्य का तुम प्रमाण हो,
नारायण नारायण,
हरि हरि,
नारायण नारायण,
हरि हरि।
हाँ धर्म भी तुम ही,
अर्थ भी तुम ही,
मोक्ष भी तुम्हीं,
तुम ही काम हो,
तुम ही हो पिता,
माता तुम ही,
जग के सत्य का तुम प्रमाण हो,
तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो,
हो तुम्हीं राम हो,
तुम्हीं श्याम हो,
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो।
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Singer: Saurabh Mehta
Lyrics: Archna Mishra
Music: Samuel Paul
Music Label: Wings Music
Lyrics: Archna Mishra
Music: Samuel Paul
Music Label: Wings Music
Meaning of Narayan Narayan Hari Hari Bhajan in English
नारायण नारायण, हरि हरि: "Narayana Narayana, Hari Hari," invokes Lord Vishnu (Narayana) and Lord Krishna (Hari), both being forms of the Supreme God.
तुम्हीं राम हो, तुम्हीं श्याम हो "You are Rama, you are Shyama (Krishna)," acknowledges that Vishnu incarnates in various forms, Rama and Krishna being two of them.
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो "Hari, you are the abode of Vaikuntha," referring to the heavenly abode of Vishnu.
जपता रहे जिसे मन सदा, हरि तुम ही वो एक नाम हो: "The name that the mind always recites, Hari, you are that one name," emphasizing the importance of constantly remembering God.
ब्रह्म हो तुम ही, जीव तुम ही: "You are the ultimate reality (Brahman), you are the living being," signifying that Vishnu is both the cosmos and the essence within all creatures.
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो, जल में तुम ही, थल में तुम ही: "You are the knowledge within, you are in the water, you are on the land," illustrating that Vishnu's presence is in all knowledge and everywhere in nature.
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो: "You are the life in the breath," indicating that Vishnu is the life force in every breath.
वेद भी तुम ही, ज्ञाता तुम ही: "You are the Vedas, you are the knower," acknowledging that Vishnu is the source of all Vedic knowledge and the ultimate knower.
पावन सुर और तुम ही तान हो, योग तुम ही, भोग तुम ही: "You are the sacred notes and the musical scale, you are yoga, you are enjoyment," suggesting that all music, spiritual practice, and worldly pleasures originate from Vishnu.
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो: "You are the meditation that calms the mind," indicating that meditating on Vishnu brings inner peace.
वृक्षों में तुम ही, नदियों में तुम ही: "You are in the trees, you are in the rivers," expressing that Vishnu's essence is in all parts of nature.
दाता तुम ही तुम ही दान हो, पुन्य भी तुम ही, पाप भी तुम ही: "You are the giver, you are the gift, you are virtue, you are sin," showing that everything, good or bad, comes from Vishnu.
सत-चित तुम आनंद धाम हो: "You are existence, consciousness, and the abode of bliss," describing Vishnu as the foundation of existence, consciousness, and joy.
धर्म भी तुम ही, अर्थ भी तुम ही, मोक्ष भी तुम, तुम ही काम हो: "You are righteousness, meaning, liberation, and desire," stating that Vishnu represents the goals of life: dharma (duty), artha (wealth), kama (desire), and moksha (liberation).
तुम ही हो पिता, माता तुम ही, जग के सत्य का तुम प्रमाण हो: "You are the father, you are the mother, you are the proof of the world's truth," affirming that Vishnu is the parental figure and the ultimate truth of the universe.
तुम्हीं राम हो, तुम्हीं श्याम हो "You are Rama, you are Shyama (Krishna)," acknowledges that Vishnu incarnates in various forms, Rama and Krishna being two of them.
हरि तुम ही बैकुण्ठ धाम हो "Hari, you are the abode of Vaikuntha," referring to the heavenly abode of Vishnu.
जपता रहे जिसे मन सदा, हरि तुम ही वो एक नाम हो: "The name that the mind always recites, Hari, you are that one name," emphasizing the importance of constantly remembering God.
ब्रह्म हो तुम ही, जीव तुम ही: "You are the ultimate reality (Brahman), you are the living being," signifying that Vishnu is both the cosmos and the essence within all creatures.
अंतर में बसे तुम वो ज्ञान हो, जल में तुम ही, थल में तुम ही: "You are the knowledge within, you are in the water, you are on the land," illustrating that Vishnu's presence is in all knowledge and everywhere in nature.
साँसों में बसे तुम वो प्राण हो: "You are the life in the breath," indicating that Vishnu is the life force in every breath.
वेद भी तुम ही, ज्ञाता तुम ही: "You are the Vedas, you are the knower," acknowledging that Vishnu is the source of all Vedic knowledge and the ultimate knower.
पावन सुर और तुम ही तान हो, योग तुम ही, भोग तुम ही: "You are the sacred notes and the musical scale, you are yoga, you are enjoyment," suggesting that all music, spiritual practice, and worldly pleasures originate from Vishnu.
मन शांत करे तुम वो ध्यान हो: "You are the meditation that calms the mind," indicating that meditating on Vishnu brings inner peace.
वृक्षों में तुम ही, नदियों में तुम ही: "You are in the trees, you are in the rivers," expressing that Vishnu's essence is in all parts of nature.
दाता तुम ही तुम ही दान हो, पुन्य भी तुम ही, पाप भी तुम ही: "You are the giver, you are the gift, you are virtue, you are sin," showing that everything, good or bad, comes from Vishnu.
सत-चित तुम आनंद धाम हो: "You are existence, consciousness, and the abode of bliss," describing Vishnu as the foundation of existence, consciousness, and joy.
धर्म भी तुम ही, अर्थ भी तुम ही, मोक्ष भी तुम, तुम ही काम हो: "You are righteousness, meaning, liberation, and desire," stating that Vishnu represents the goals of life: dharma (duty), artha (wealth), kama (desire), and moksha (liberation).
तुम ही हो पिता, माता तुम ही, जग के सत्य का तुम प्रमाण हो: "You are the father, you are the mother, you are the proof of the world's truth," affirming that Vishnu is the parental figure and the ultimate truth of the universe.
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