बुढ़ापा तने भी आवे रे सुन चमक चुनड़ी आली लिरिक्स
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
छम छम करके चाल्या करती,
छम छम करके चाल्या करती,
सारी धरती हाल्या करती,
सारी धरती हाल्या करती,
अब मेरी कांप काया रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
चढ़ चौबारा सोया करती,
चढ़ चौबारा सोया करती,
चादर तकिये लाया करती,
चादर तकिये लाया करती,
अब मेरी खाट बारने रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
बेटे ने काम बताया करती,
बेटे ने काम बताया करती,
दुख सुख की बतलाया करती,
दुख सुख की बतलाया करती,
अब दर्शन का टोटा ये,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
दो दो गैया राख्या करते,
दो दो गैया राख्या करते,
दूध की बाल्टी लाया करते,
दूध की बाल्टी लाया करते,
अब लस्सी का तोड़ा रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
ताजी पोते ताजी खाते,
ताजी पोते ताजी खाते,
ऊपर घी की बाटी लाते,
अब टुकड़ों का तोड़ा रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली,
बुढ़ापा तने भी आवे रे,
सुन चमक चुनड़ी आली।
कुसुम चौहान का शानदार नया भजन I बुढ़ापा तने भी आवे रे I Latest Nirgun Bhajan
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