श्याम तेरी मूर्ति में जान आ जाये

श्याम तेरी मूर्ति में जान आ जाये Shyam Teri Murti Me Bhajan


श्याम तेरी मूर्ति में जान आ जाये Shyam Teri Murti Me Bhajan

लेले आधे ये प्राण,
तुझमें प्राण आ जाये,
श्याम तेरी मूर्ति में,
जान आ जाये।

पूरे जो दे दूं मैं ना रहूंगा,
सेवा करूंगा,
कैसे बातें करूंगा,
मुझसे बातें करने को,
बस जुबान आ जाये,
श्याम तेरी मूर्ति में,
जान आ जाये।

श्याम आधी सांसों पे,
दिया तुम्हें हक है,
अगले जन्म पर,
थोड़ा सा शक है,
निकले मंदिर से,
घर में पांव आ जाये,
श्याम तेरी मूर्ति में,
जान आ जाये।

ये आधा जीवन,
हमारा ना समझो,
सेवा की खातिर,
तुम्हारा ही समझो,
तेरे होंठों पे इस बेटे का,
नाम आ जाये,
श्याम तेरी मूर्ति में,
जान आ जाये।

सांसें ना दूं तुम्हें,
मूर्ति समझ कर,
रख तेरे कर्ज़े की,
पूर्ती समझ कर,
वरना बनवारी बीच में,
एहसान आ जाये,
श्याम तेरी मूर्ति में,
जान आ जाये।

श्याम तेरी मूर्ति में जान आ जाए | Heart Touching Shyam Bhajan | Shyam Teri Murti | Puja Nathani


ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

 
Song: Shyam Teri Murti
Singer: Puja Nathani
Lyricist: Jai Shankar Chaudhary
Music: Divyansh Anurag (Yuki Studio)
DOP: Sunil Kumar
Director: KD Kashyap
Video: Soch Creations 

श्याम की भक्ति में आधा समर्पण ही काफी लगता है, जहां प्राणों का हिस्सा देकर मूर्ति को जीवंत बनाने की चाहत जागती है। इससे सेवा का रास्ता खुला रहता है, बातचीत जारी रहती है, और जुबान हमेशा उनके नाम से गूंजती रहती है। लेकिन पूरे प्राण दे देने से खुद का वजूद मिट जाता है, फिर कैसे उनके चरणों में झुकें या उनके साथ संवाद करें? आधी सांसों पर तो पूरा हक बनता है, अगले जन्म की उम्मीद पर थोड़ा संदेह रहता है, मंदिर से घर लौटते वक्त पांव खुद-ब-खुद उनकी ओर मुड़ जाएं।

यह जीवन आधा नहीं, बल्कि सेवा के नाम पर पूरा उनका ही माना जाए, जहां होंठों पर उनका नाम खुद आ जाए। सांसें मूर्ति की तरह न देकर कर्ज चुकाने की नीयत से दें, वरना बनवारी के बीच एहसान का बोझ पड़ सकता है।
धर्म का ज्ञान यही बताता है कि समर्पण में संतुलन रखो, ताकि भक्ति की ज्योति हमेशा जलती रहे। चिंतन करने पर लगता है, यह आधा देना ही पूर्णता की ओर ले जाता है, जहां देवता जीवंत हो उठते हैं। संत की तरह सोचें तो बस इतना, कि सेवा में खुद को बचाकर रखो, ताकि प्रेम की धारा बहती रहे।
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post