बरसे जी सावणियो हिवड़े हरख भरे
बादळीया घरणावे,
मीठी गरज करे,
बरसे जी सावणियो,
हिवड़े हरख भरे।
ठंडो इमरत पाणी,
नीले नभ सूं जरे,
बरसे जी सावणियो,
हिवड़े नेह भरे।
धरती हुई सुहागण,
ओढ़यो हरियो हरियो चीर,
महक उठी कुदरत भी,
जद माटी में रळीयो नीर,
मोरलिया कुरलावे,
हरखे निरत करे,
बरसे जी सावणियो,
हिवड़े हरख भरे।
मन हरसावे बागाँ माहीँ,
तीजणियाँ का गीत,
तन हींडे डाळी पर,
हिवड़े हींडे पिव री प्रीत,
आभे माइलो चाँद,
तळाई उतरे,
बरसे जी सावणियो,
हिवड़े हरख भरे।
हळीयो लीन्हो कांधे,
खेतां जावे किसन कंवार,
लारे भातो लेयर आवे,
राधा रुखमण नार,
मोतीड़ा निपजावण,
सारू जतन करे,
बरसे जी सावणियो,
हिवड़े हरख भरे।
Barse Sawniyo -Ashok Chouhan / Rashmi Nishad | SP Jodha | Ganesh Solnki | Jitendra Shiva Sagar/Parul
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SONG NAME Barse Sawniyo / बरसे सावणीयो
SINGER: Ashok Chouhan / Rashmi Nishad
LYRICS: Jitendra Shiva
MUSIC: Ganesh Solanki
Keys: Lucky Acharya
Recorded at Ganesh Studio
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