तुम ना होते जो मेरे कन्हैया लिरिक्स
तुम ना होते जो मेरे कन्हैया लिरिक्स
तुम ना होते जो मेरे कन्हैया,
बिन तुम्हारे मैं बोलो क्या करती,
तुम ना देते मुझे जो सहारा,
यूं ही घूट घूट के जीवन में मरती,
तुम ना देते मुझे जो सहारा।
जब कोई नहीं था सहारा,
तेरे हाथों ने मुझको उठाया,
हार बैठी थी दुनिया से,
मैं जब एक तेरा आसरा मैंने पाया,
तेरी भक्ति की शक्ति ना होती,
जिंदगी भर गमों से मैं डरती,
तुम ना देते मुझे जो सहारा।
झूठा विश्वास ये जग दिलाये,
वक्त पे कोई काम ना आये,
जिसको तुम मिल गए मेरे कान्हा,
इस दुनिया में क्या और पाये,
जैसे तुमने मुझे है संवारा,
बिन तुम्हारे मैं कैसे संवरती,
तुम ना देते मुझे जो सहारा।
है बुरे कर्म संसार पापी,
मेरे पापों की कुछ भी ना गिनती,
मुझे अपनी शरण में ही रखना,
मेरे कान्हा ये तुझसे है विनती,
तुम ना आते भंवर में जो कान्हा,
कैसे लहरों से मैं तरती,
तुम ना देते मुझे जो सहारा।
Tum Na Hote || तुम ना होते || Beautiful Krishna Bhajan | Morning Bhajan | Krishna Radha song Lyrics
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Lyrics :तुम न होते जो मेरे कन्हिया , बिन तुम्हारे मैं बोलो क्या करती
तुम ना देते मुझे जो।सहारा यूंही घूट घूट के जीवन में मरती
तुम ना होते............
अंतरा= जब कोई नही था सहारा तेरे हाथो ने मुझको उठाया
हार बैठी थी दुनिया से में जब एक तेरा आसरा मैने पाया
तेरी भक्ति की शक्ति न होती जिंदगी भर गमों से मै डरती
तुम ना होते
अंतरा= झूठा विश्वास ये जग दिलाए वक्त पे कोई काम ना आए
जिसको तुम मिल गए मेरे कान्हा इस दुनिया में क्या और पाए
जैसे तुमने मुझे है संवारा बिन तुम्हारे मैं कैसे संवरती
तुम ना होते जो ,,,,,,,
अंतरा= है बुरे कर्म संसार पापी मेरे पापो की कुछ भी न गिनती
मुझे अपनी शरण में ही रखना मेरे कान्हा ये तुझसे है विनती
तुम ना आते भवर में जो कान्हा कैसे लहरों से मै तैरती
तुम ना होते जो ,,,,,,
तुम ना देते मुझे जो।सहारा यूंही घूट घूट के जीवन में मरती
तुम ना होते............
अंतरा= जब कोई नही था सहारा तेरे हाथो ने मुझको उठाया
हार बैठी थी दुनिया से में जब एक तेरा आसरा मैने पाया
तेरी भक्ति की शक्ति न होती जिंदगी भर गमों से मै डरती
तुम ना होते
अंतरा= झूठा विश्वास ये जग दिलाए वक्त पे कोई काम ना आए
जिसको तुम मिल गए मेरे कान्हा इस दुनिया में क्या और पाए
जैसे तुमने मुझे है संवारा बिन तुम्हारे मैं कैसे संवरती
तुम ना होते जो ,,,,,,,
अंतरा= है बुरे कर्म संसार पापी मेरे पापो की कुछ भी न गिनती
मुझे अपनी शरण में ही रखना मेरे कान्हा ये तुझसे है विनती
तुम ना आते भवर में जो कान्हा कैसे लहरों से मै तैरती
तुम ना होते जो ,,,,,,
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