गौरी तनय गणपति को दो फूल चढ़ाते हैं

गौरी तनय गणपति को दो फूल चढ़ाते हैं

गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
यह अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।।

जहाँ "जय गणेश" गूंजे,
सब विघ्न दूर होते,
कृपा के सिंधु हैं वो,
शुभ फल जरूर देते,
क्या ले उन्हें मनाऊं,
बस शीश झुकाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
यह अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।।

पृथ्वी को घूम आओ,
भाई से बाजी लागे,
माता-पिता को घूमें,
बुद्धि में हुए आगे,
बुद्धि के विधाता को,
मैं याद दिलाता हूँ,
सब काम सिद्ध कर दो,
यह अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।।

हे चार भुजा धारी,
लगते हैं तन के भारी,
चूहे पे कैसे चढ़कर,
करते हैं वो सवारी,
ऐसे हैं वो विज्ञानी,
सद्ग्रंथ बताते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
यह अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।।

गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं,
सब काम सिद्ध कर दो,
यह अर्ज सुनाते हैं,
गौरी तनय गणपति को,
दो फूल चढ़ाते हैं।।


Ganesh vandana,गणेश वंदना by Singer Rupesh Choudhary 7004825279

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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