मेरो मन वृंदावन में अटको भजन

मेरो मन वृंदावन में अटको भजन


मेरो मन वृंदावन में अटको भजन Mero Man Vrindavan Me Atako Lyrics
 
मेरो मन वृंदावन में अटको
मेरो मन हरिचरणन में अटको
बनके जोगन डोलत ब्रज में,
बनके जोगन डोलत ब्रज में,
पीवत यमुना जल को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।

मेरो मुझ में कुछ ना मोहन,
तेरी मिट्टी तेरो कण कण,
मेरो मुझ में कुछ ना मोहन,
तेरी मिट्टी तेरो कण कण,
वृंदावन की कुंज गलिन में,
वृंदावन की कुंज गलिन में,
मिल जाओ प्रभु मुझको,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।

इस जोगन के तुम हो साजन,
करना है सब आत्म समर्पण,
इस जोगन के तुम हो साजन,
करना है सब आत्म समर्पण,
अंत समय आनंद मिले मोहे,
अंत समय आनंद मिले मोहे,
बस वेणु के रस को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।

याद में तोरी भई बावरी,
सुध लो मोरी कुंज बिहारी,
याद में तोरी भई बावरी,
सुध लो मोरी कुंज बिहारी,
अब आओ मेरे प्राण पियारे,
अब आओ मेरे प्राण पियारे,
अपनाओ या जन को,
मेरो मन वृंदावन में अटको,
मेरो मन हरिचरणन में अटको।


Mero Mann Vrindavan Mein Atko - Shri Indresh Upadhyay ji | MOhit Lalwani | Karan - Navdeep


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Mero Man Vrindavan Mein Atko
Mero Man Haricharanan Mein Atko
Banke Jogan Dolat Braj Mein,
Banke Jogan Dolat Braj Mein,
Peevat Yamuna Jal Ko,
Mero Man Vrindavan Mein Atko,
Mero Man Haricharanan Mein Atko.

मेरो मन वृंदावन में अटको भजन Mero Man Vrindavan Me Atako Lyrics

Singer - Shri Indresh Upadhyay Ji
Music composer & Arranger - Karan Khemanni
Lyrics - Navdeep Panchal Shubh
Producer - MOhit Lalwani

वृंदावन, कृष्ण की लीलास्थली, एक अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव कराता है। यहां कई दर्शनीय स्थल हैं, जैसे निधिवन और श्री रामबाग मंदिर, जहां भगवान की लीलाओं की झलक मिलती है। वृंदावन में ठहरने के लिए सस्ती धर्मशालाएं भी उपलब्ध हैं, जैसे महाराजा अग्रसेन धर्मशाला। यहां आने वाले श्रद्धालु यमुना का पवित्र जल लेकर लौटने की परंपरा का पालन करते हैं, क्योंकि मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने यमुना के जल में कई लीलाएं की थीं। वृंदावन में भोजन का खर्च भी बहुत कम है, केवल 800 से 1,000 रुपये में पूरा दिन भोजन किया जा सकता है। 
 
कुछ खास मंदिरों के दर्शन के लिए दो दिन पर्याप्त होते हैं, जबकि वृंदावन को गहराई से समझने और घूमने के लिए 5 से 7 दिन का समय लेना चाहिए। श्रीमद्भागवत, हरिवंशपुराण, और विष्णु पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में वृंदावन की महिमा का उल्लेख मिलता है। निधिवन, जो भगवान कृष्ण की जन्मस्थली है, के बारे में कहा जाता है कि हर रात वहां भगवान कृष्ण आकर रासलीला करते हैं, जिससे इस स्थान की पवित्रता और भी बढ़ जाती है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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