बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप

बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाये


बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाये Bande Taj De Nadani Pap Kamaye

बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए,
तोड़ के उस भगवान से नाता, जग से प्रीत निभाए।।

गर्भ में रहकर माता के किया प्रभु से वादा,
बाहर आकर भूल गया, क्यों बदला तेरा इरादा,
छोड़ झमेले इस दुनिया के, क्यों तू जान फंसाए,
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए।।

लख 84 मंजिल तय कर तू जहां में आया,
काम, क्रोध और मोह-माया में क्यों तू है भरमाया,
अहंकार को छोड़ दे प्यारे, तुझको यह भटकाए,
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए।।

भक्ति से मुक्ति मिलती है, ज्ञान गुरु से आता,
नेकी और बुराई के बदले संग कुछ भी ना जाता,
अंत समय यह काया माटी, माटी में मिल जाए,
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए।।

कर्म करो भाई जग में अच्छे, एक दिन सबको जाना,
पूछेगा भगवान जो हमसे, वहां चले ना बहाना,
कर ले बंदे प्रभु का सुमिरन, भारत यह समझाए,
बंदे तज दे नादानी अब क्यों तू पाप कमाए।।


तू क्यों पाप कमाए | रुला देने वाले चेतावनी भजन | निर्गुण भजन | Hindi Bhajan

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भगवान हर जीव की रक्षा करने वाले हैं। गर्भ में उन्होंने हमारी रक्षा का वचन दिया था। संसार में आकर हम उनके वचनों को भूल जाते हैं। भगवान हमें सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उनकी भक्ति से ही मुक्ति प्राप्त होती है। संसार के मोह-माया को छोड़कर प्रभु का सुमिरन करना ही सच्चा सुख है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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