बिल्ली रै भाग रो छींको टूटग्यो Billi Ke Bhag Ko Chinko Rajasthani Kahavat

राजस्थानी कहावत: बिल्ली रै भाग रो छींको टूटग्यो।


अर्थ हिंदी में: अयोग्य व्यक्ति को भी अचानक लाभ होना।
अंग्रेज़ी में: An unworthy person unexpectedly gaining fortune.
रमेश को बिना मेहनत लॉटरी लग गयो, ईं समझो बिल्ली रै भाग रो छींको टूटग्यो।
हिंदी में: रमेश को बिना मेहनत के लॉटरी लग गई, यह मानो बिल्ली के भाग्य से छींका टूट गया।
अंग्रेज़ी में: Ramesh won the lottery without any effort, as if an unworthy person gained unexpected fortune.
 

यह कहावत से आशय है जब कोई व्यक्ति, जो किसी उपलब्धि के योग्य नहीं है, उसे अचानक से लाभ या सफलता मिल जाती है, जैसे भूखी बिल्ली छींके तक नहीं पंहुच सकती है लेकिन बिल्ली के भाग्य का छींका टूट जाता है और उसे रोटियाँ मिल जाती हैं। इसका मूल विचार यह है कि कभी-कभी किस्मत के चलते अयोग्य व्यक्ति को भी बड़ा लाभ मिल सकता है।

"बिल्ली रै भाग रो छींको टूटग्यो" कहावत यह दर्शाती है कि जीवन में कभी-कभी भाग्य के चलते बिना योग्यता या प्रयास के भी बड़ी सफलता या लाभ प्राप्त हो सकता है। कहावत में "छींका" खाने के भंडार और "बिल्ली" को प्रतीकात्मक रूप से उपयोग किया गया है, जो मेहनत या प्रयास किए बिना लाभ पाने का प्रतीक है। यह कहावत हमें यह सिखाती है कि भाग्य जब अच्छा हो तो बिना मेहनत के भी फल प्राप्त हो जाता है.

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