पंचतंत्र की कहानी चालाक लोमड़ी Clever Fox Panchtantra Hindi Story

पंचतंत्र की रोचक कहानी चालाक लोमड़ी Chalak Lomadi Panchtantra Ki Kahani

नमस्ते! स्वागत है हमारे इस प्रेरणादायक एक नयी कहानी में। आज की कहानी में हम सीखेंगे कि कैसे बुद्धिमानी और समझदारी से किसी भी कठिन परिस्थिति का हल निकाला जा सकता है। पंचतंत्र की यह कहानी "चालाक लोमड़ी" हमें सिखाती है कि हमें अपनी और दूसरों की गलतियों से क्या सीख लेनी चाहिए। इस कहानी में लोमड़ी की चतुराई और समझदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है, जो हमें सिखाता है कि कठिन हालात में सही निर्णय लेना कितना महत्वपूर्ण होता है। तो आइए, जानते हैं इस प्रेरणादायक कहानी के माध्यम से जीवन में बुद्धिमानी का महत्व।
 
पंचतंत्र की रोचक कहानी चालाक लोमड़ी Chalak Lomadi Panchtantra Ki Kahani

पंचतंत्र की कहानी चालाक लोमड़ी

बहुत समय पहले, एक घने जंगल में गधा, लोमड़ी और शेर अच्छे दोस्त थे। तीनों की दोस्ती गहरी थी और एक दिन उन्होंने मिलकर शिकार पर जाने का निश्चय किया, दोस्ती गहरी थी इसलिए सभी राजी हो गए। सभी ने तय किया कि जो भी शिकार करेंगे, उसे तीन बराबर हिस्सों में बाँट देंगे ताकि सबको समान रूप से हिस्सा मिले। ऐसी राय में तीनों सहमत हो गए. यह निर्णय लेने के बाद तीनों जंगल में शिकार की तलाश में निकल पड़े।
 
जंगल में थोड़ी दूर चलते ही उन्हें एक हिरण दिखाई दिया। जैसे ही उन्होंने उसे देखा, तीनों ने मिलकर उसे पकड़ने की कोशिश की। हिरण ने खुद को बचाने के लिए तेजी से दौड़ लगाई, लेकिन दौड़ते-दौड़ते थककर आखिरकार रुक गया। इसी मौके का फायदा उठाते हुए शेर ने झपट्टा मारकर हिरण का शिकार कर लिया। शिकार करने के बाद तीनों बहुत खुश थे और शेर ने गधे से कहा कि वह हिरण के तीन हिस्से कर दे, जैसा पहले तय हुआ था।
 
गधे ने ईमानदारी से हिरण को तीन बराबर हिस्सों में बाँट दिया। लेकिन शेर को गधे का यह बंटवारा बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।
 
गधे ने ईमानदारी से हिरण को तीन बराबर हिस्सों में बाँट दिया। लेकिन शेर को गधे का यह बंटवारा बिल्कुल अच्छा नहीं लगा। वह गुस्से में आ गया और जोर-जोर से दहाड़ने लगा। शेर की दहाड़ से गधा डर गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। गुस्से से भरे शेर ने गधे पर हमला कर दिया और उसे मारकर दो हिस्सों में बाँट दिया। अब शिकार का बंटवारा सिर्फ शेर और लोमड़ी के बीच ही बाकी था।
 
लोमड़ी ने यह सब कुछ देखा और समझ गई कि शेर को किस प्रकार का हिस्सा चाहिए। शेर ने लोमड़ी से कहा, "अब तुम शिकार का अपना हिस्सा ले लो।" लोमड़ी बहुत चालाक थी और उसने शेर को खुश रखने के लिए बहुत सोच-समझकर फैसला किया। उसने पूरे शिकार का तीन-चौथाई हिस्सा शेर को दे दिया और खुद के लिए सिर्फ एक चौथाई हिस्सा रखा।

शेर यह देखकर बहुत खुश हुआ और मुस्कुराते हुए लोमड़ी से कहा, "तुमने बहुत समझदारी दिखाई! तुम सच में बहुत बुद्धिमान हो। तुमने ये सब किससे सीखा?" शेर के इस सवाल पर लोमड़ी ने जवाब दिया, "महाराज, मैंने यह समझदारी गधे से सीखी है। उसकी गलती देखकर मैंने यह निर्णय लिया कि मुझे क्या करना चाहिए।"

शेर ने लोमड़ी की इस बात को सराहा और उसे बहुत बुद्धिमान और समझदार मानते हुए उसकी तारीफ की।

हम अपनी ही नहीं, बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीख सकते हैं।


कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हम अपनी ही नहीं, बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीख सकते हैं। दूसरों की गलतियों को ध्यान में रखकर हम उन गलती को दोहराने से बच सकते हैं और समझदारी से काम ले सकते हैं। ऐसी चतुराई हमें जीवन में सही दिशा दिखाती है और नकारात्मक परिणामों से भी बचाती है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें

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