मात मोतियों वाली विराजे जसोल गढ़ रे माय

मात मोतियों वाली विराजे जसोल गढ़ रे माय

मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय,
छतर वाली छाया राखजो,
आयो थारे द्वार।।

ऊचो थारो बन्यो देवरो,
भली भटियाणी माय,
सुनमुख रिजो म्हारी मावड़ी,
धरियो सिर पर हाथ,
मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय।।

आई तेहरस चांदणी मां,
चालो माता रे दरबार,
चरणे आया रा संकट मेटे,
परसा हाथों हाथ,
मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय।।

अपरम्पार आपरा परसा,
ईण कलयुग रे माय,
खरो भरोसो आपरो मां,
रखियो म्हारी लाज,
मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय।।

जगमग थारी जोतो जगे,
निमण करें नर-नार,
स्वरूप कंवर री शोभा घनेरी,
नवखंड पृथ्वी माय,
मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय।।

मैया तेरे राज में,
कमी काहे की नाय,
जोगाराम प्रजापत गावे,
सांचो करें बखाण,
मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय।।

मात मोतियों वाली विराजे,
जसोलगढ़ रे माय,
छतर वाली छाया राखजो,
आयो थारे द्वार।।


2020 जसोल माजिसा का नया भजन ! मात मोतिया वाली ! जोगाराम प्रजापत की आवाज़ व् रवि और रैना के अभिनय में

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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