राजस्थानी कहावत- पीळा चावळ दैणा (मेलणा)
अर्थ हिंदी में: किसी शुभ अवसर पर सम्मिलित होने के लिए निमंत्रण देना।
अंग्रेज़ी में: Inviting someone to join a joyous or auspicious occasion.
रामू नै थारै भाई रै ब्यावां री पीळा चावळ मेलण आया।
हिंदी में: रामू तुम्हारे भाई की शादी के लिए शुभ निमंत्रण देने आया।
अंग्रेज़ी में: Ramu came to invite you to his brother's wedding.

इस राजस्थानी कहावत का अर्थ है निमंत्रण देना, बुलावा देना आदि । "पीळा चावळ" (हल्दी और चावल) शुभता और पवित्रता का प्रतीक है। इसे आमतौर पर शादी, त्योहार, या किसी विशेष आयोजन के लिए निमंत्रण देने के दौरान प्रयोग किया जाता है। यह केवल आमंत्रण नहीं है, बल्कि आपसी जुड़ाव और सौहार्द का भाव भी प्रकट करता है। वैसे व्यंग्य में भी इसका उपयोग किया जाता है की मैंने कौनसे आपको पीले चावल दिए थे, बुलाया था. "पीळा चावळ दैणा" कहावत राजस्थानी लोकजीवन में गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को भी दर्शाती है, साथ ही इसका महत्त्व व्यंग्य के रूप में भी है.
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राजस्थानी संस्कृति में पीळा चावळ का महत्व, शुभ अवसरों पर निमंत्रण देने की परंपरा, राजस्थानी कहावतों का सांस्कृतिक प्रभाव, शादी और त्योहारों पर निमंत्रण की परंपराएं,