भोमिया जी महाराज कथा
भोमिया जी महाराज कथा
जननी जणे तो एड़ा जण,
के दाता के शूर,
नितर रहीजे बांजड़ी,
मां मत गंमाजे नूर।।
जननी जणे तो चार जणे,
मत जणजे चालीस,
चारों रण में झुंझसी,
वे चारों ही चालीस।।
सती नार शूरा जणे,
बढ़भागण दातार,
लक्ष्मी तो हरिजन जणे,
इन तीनों में सार।।
शूर न पूछे टीपणो,
सकुन न देखे शूर,
मरणे ने मंगल गिणे,
समर चढ़े मुख नूर।।
भोमिया जी महाराज कथा
भोमिया जन्म्या ओ,
चानण की चोवदस रात ओ,
पूनम की घड़ियां जनमिया,
बापजी बाजिया।
सोवनिया गज थाल,
सोने री कटारी, नाला मोरिया,
बापजी नहाया धोया,
गंगा जल रा नीर,
रेशम रा गद्दरे पोढ़िया।।
भुआजी भरियो भरियो,
मोतीड़ा गज थाल,
जोशी ने बधावण हालिया,
जोशी थे ही म्हारे,
धर्मिया रा बीर,
जूना जुगां रा देख्यो टीपणा।।
जोशी काढ़िया काढ़िया,
वेद पुराण,
जूना जुगां रा काढ़िया टीपणा,
भुआजी चोखा रा नख्तर,
में चोखो वार,
चोखी रा घड़िया,
शूरा जनमिया।।
भुआजी करसी करसी,
जग में अमर नाम,
गायो री भारा जीतसी,
भोमिया सींवरे जको री,
करजो सहाय।।
गायो रे भायो री, रक्षा राखजो,
भुआजी भरियो भरियो,
मोतीड़ा गज थाल,
खाती ने भदावण हालिया।।
खातीजी सुणलो सुणलो,
म्हरोड़ी ओ बात जी,
चंदन रो घड़ दो पालणो,
खातीजी मांडो मांडो,
मोर पपया माय,
चानण घड़जो पालणो।।
भोमिया जी पोढ़िया पोढ़िया,
पालणे री माय,
भुआजी हिंडो दे रिया,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी होग्या होग्या,
बरस एक री माय,
दूध पतासा पी रिया,
बापजी व्हेगा थे तो,
बरस पांच री माय,
गुरुकुल भणवा चालिया।।
बापजी होग्या थे तो,
जोध ने जवान,
माथे पर मोळीयो बांधियो,
बापजी सूता थे तो,
सुखभर नींद,
थोरी भावज हेलो मारियो।।
बापजी उठता थे,
भांग दीनी ईश,
भड़ाके भांगीयो उबल्यो,
बापजी बैठ गया रंगड़े री,
जाजम ढाळ,
भायों ने हेलो मारियो।।
बापजी भेवे हैं,
अमलो री मनवार,
हथेलियों अमल फेरियो,
भोमिया बैठिया थे भरी,
हथाया माय,
ग्वालिया पटगी कामड़ी।।
बापजी बैठया थे तो,
भरिये नशे री माय,
थारी गायां घाटा लांघिया,
ग्वालिया देदे मने,
धाड़ें रा सेहलाण,
कांई सेहलाणो ओळखूं।।
बापजी पेहरण ने झालरियो,
जुक्तो टोप ओ,
बोली बोले मुल्तान री,
भायड़ा लागा म्हाने,
धाड़ें रा सेहलाण जी,
मैं इण सेहलाणो ओळखां।।
भोमिया चढ़िया हैं घोड़ो,
री पहली वार,
हजारी माथो धुणीयो,
बापजी आई आई,
मनडे में रीश,
झटके सूं माथो काटियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी गिया रे घोड़ो री,
दूजी वार री,
हजारी हुबो हिंचियो,
भायड़ा करले म्हारे,
घोड़े री पीलाण,
झगड़े री माही जावणो।।
बापजी बरजे थोरा,
माय ने बापजी,
महलो में बरजे राणिया,
बापजी बरजे बरजे,
नगरी वाला लोग ओ,
भायों ने लागे मेणिया,
बापजी बरजे थाने,
हाटां में बामण भाणिया।।
भायड़ा लाजे लाजे,
जरणी वाला दूध रे,
बांध्योड़़ी कमरां नहीं रे खुले,
भायड़ा लाजे म्हारे,
लाडकियो मामाळ,
भायों ने लागे मेणिया।।
बापजी चढ़िया चढ़िया,
ढळतोड़ी मांझल रात ओ,
नगाड़े डाको लागियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
अरे शूरमा पूग गयो,
रात्रिये रिण री माय,
धाड़ेतीं ने हेलो मारियो,
अरे शूरमा आयो ज्यूं ई,
पाछो मुड़ जाय,
एकलड़े दोरो मारस्या।।
बापजी बैठ गया,
धरती सूं गोदी ढाळ रे,
खांडे रो रणको बाजियो,
बापजी भेवे रे तलवारां री,
झांका भीज,
शूरां झगड़ो झेलियो।।
शूरमा शीश काट्या,
बेरिया रा रण में,
चीलां घरनाटो मांडियो,
बापजी बेहगी बेहगी,
नुगरे री तलवार,
भोमिया रो माथो काटियो।।
बापजी बिना शीश,
उभा रण में,
छाती में खुलगी आंखिया,
बापजी री खुलगी ओ,
हिवड़े में ड्योढ़ी आंख,
अब धड़ से झगड़ो झेलियो।।
बापजी भेवे ओ,
रक्त रा डोढ़ा खाळ,
गिरज घरनाटो मांडियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी री गाया,
भेवे री नालोनाल,
हजारी भेवे हिंचतो,
ग्वालिया लेले थारी,
गायां ने संभाल,
दूधो रे चूंगावो बाछड़ा।।
बापजी कहिजे कहिजे,
गाला आपरी धाम,
घणेरा आवे जातरू,
बापजी कहिजे कहिजे,
धोळी छतरी धाम,
घणेरा आवे जातरू।।
बापजी चाढ़ा थाने,
लीलोड़ा नारेल,
भगतों रा ऊपर मेहर करो,
बापजी चाढ़ा थाने,
लीलोड़ा नारेल,
लाडु री चढ़ावा छाबड़ी,
बापजी गाला में,
थपावो थारो थान,
अलगेरा आवे जातरू।।
बापजी गाला में,
थपावो थारो थान,
शरणे री रक्षा राखजो,
बापजी भगत मंडल ए,
खेवे थाने धूप,
शरणा में सोरा राखजो।।
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।
के दाता के शूर,
नितर रहीजे बांजड़ी,
मां मत गंमाजे नूर।।
जननी जणे तो चार जणे,
मत जणजे चालीस,
चारों रण में झुंझसी,
वे चारों ही चालीस।।
सती नार शूरा जणे,
बढ़भागण दातार,
लक्ष्मी तो हरिजन जणे,
इन तीनों में सार।।
शूर न पूछे टीपणो,
सकुन न देखे शूर,
मरणे ने मंगल गिणे,
समर चढ़े मुख नूर।।
भोमिया जी महाराज कथा
भोमिया जन्म्या ओ,
चानण की चोवदस रात ओ,
पूनम की घड़ियां जनमिया,
बापजी बाजिया।
सोवनिया गज थाल,
सोने री कटारी, नाला मोरिया,
बापजी नहाया धोया,
गंगा जल रा नीर,
रेशम रा गद्दरे पोढ़िया।।
भुआजी भरियो भरियो,
मोतीड़ा गज थाल,
जोशी ने बधावण हालिया,
जोशी थे ही म्हारे,
धर्मिया रा बीर,
जूना जुगां रा देख्यो टीपणा।।
जोशी काढ़िया काढ़िया,
वेद पुराण,
जूना जुगां रा काढ़िया टीपणा,
भुआजी चोखा रा नख्तर,
में चोखो वार,
चोखी रा घड़िया,
शूरा जनमिया।।
भुआजी करसी करसी,
जग में अमर नाम,
गायो री भारा जीतसी,
भोमिया सींवरे जको री,
करजो सहाय।।
गायो रे भायो री, रक्षा राखजो,
भुआजी भरियो भरियो,
मोतीड़ा गज थाल,
खाती ने भदावण हालिया।।
खातीजी सुणलो सुणलो,
म्हरोड़ी ओ बात जी,
चंदन रो घड़ दो पालणो,
खातीजी मांडो मांडो,
मोर पपया माय,
चानण घड़जो पालणो।।
भोमिया जी पोढ़िया पोढ़िया,
पालणे री माय,
भुआजी हिंडो दे रिया,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी होग्या होग्या,
बरस एक री माय,
दूध पतासा पी रिया,
बापजी व्हेगा थे तो,
बरस पांच री माय,
गुरुकुल भणवा चालिया।।
बापजी होग्या थे तो,
जोध ने जवान,
माथे पर मोळीयो बांधियो,
बापजी सूता थे तो,
सुखभर नींद,
थोरी भावज हेलो मारियो।।
बापजी उठता थे,
भांग दीनी ईश,
भड़ाके भांगीयो उबल्यो,
बापजी बैठ गया रंगड़े री,
जाजम ढाळ,
भायों ने हेलो मारियो।।
बापजी भेवे हैं,
अमलो री मनवार,
हथेलियों अमल फेरियो,
भोमिया बैठिया थे भरी,
हथाया माय,
ग्वालिया पटगी कामड़ी।।
बापजी बैठया थे तो,
भरिये नशे री माय,
थारी गायां घाटा लांघिया,
ग्वालिया देदे मने,
धाड़ें रा सेहलाण,
कांई सेहलाणो ओळखूं।।
बापजी पेहरण ने झालरियो,
जुक्तो टोप ओ,
बोली बोले मुल्तान री,
भायड़ा लागा म्हाने,
धाड़ें रा सेहलाण जी,
मैं इण सेहलाणो ओळखां।।
भोमिया चढ़िया हैं घोड़ो,
री पहली वार,
हजारी माथो धुणीयो,
बापजी आई आई,
मनडे में रीश,
झटके सूं माथो काटियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी गिया रे घोड़ो री,
दूजी वार री,
हजारी हुबो हिंचियो,
भायड़ा करले म्हारे,
घोड़े री पीलाण,
झगड़े री माही जावणो।।
बापजी बरजे थोरा,
माय ने बापजी,
महलो में बरजे राणिया,
बापजी बरजे बरजे,
नगरी वाला लोग ओ,
भायों ने लागे मेणिया,
बापजी बरजे थाने,
हाटां में बामण भाणिया।।
भायड़ा लाजे लाजे,
जरणी वाला दूध रे,
बांध्योड़़ी कमरां नहीं रे खुले,
भायड़ा लाजे म्हारे,
लाडकियो मामाळ,
भायों ने लागे मेणिया।।
बापजी चढ़िया चढ़िया,
ढळतोड़ी मांझल रात ओ,
नगाड़े डाको लागियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
अरे शूरमा पूग गयो,
रात्रिये रिण री माय,
धाड़ेतीं ने हेलो मारियो,
अरे शूरमा आयो ज्यूं ई,
पाछो मुड़ जाय,
एकलड़े दोरो मारस्या।।
बापजी बैठ गया,
धरती सूं गोदी ढाळ रे,
खांडे रो रणको बाजियो,
बापजी भेवे रे तलवारां री,
झांका भीज,
शूरां झगड़ो झेलियो।।
शूरमा शीश काट्या,
बेरिया रा रण में,
चीलां घरनाटो मांडियो,
बापजी बेहगी बेहगी,
नुगरे री तलवार,
भोमिया रो माथो काटियो।।
बापजी बिना शीश,
उभा रण में,
छाती में खुलगी आंखिया,
बापजी री खुलगी ओ,
हिवड़े में ड्योढ़ी आंख,
अब धड़ से झगड़ो झेलियो।।
बापजी भेवे ओ,
रक्त रा डोढ़ा खाळ,
गिरज घरनाटो मांडियो,
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।।
बापजी री गाया,
भेवे री नालोनाल,
हजारी भेवे हिंचतो,
ग्वालिया लेले थारी,
गायां ने संभाल,
दूधो रे चूंगावो बाछड़ा।।
बापजी कहिजे कहिजे,
गाला आपरी धाम,
घणेरा आवे जातरू,
बापजी कहिजे कहिजे,
धोळी छतरी धाम,
घणेरा आवे जातरू।।
बापजी चाढ़ा थाने,
लीलोड़ा नारेल,
भगतों रा ऊपर मेहर करो,
बापजी चाढ़ा थाने,
लीलोड़ा नारेल,
लाडु री चढ़ावा छाबड़ी,
बापजी गाला में,
थपावो थारो थान,
अलगेरा आवे जातरू।।
बापजी गाला में,
थपावो थारो थान,
शरणे री रक्षा राखजो,
बापजी भगत मंडल ए,
खेवे थाने धूप,
शरणा में सोरा राखजो।।
बापजी सींवरे जको री,
करजो सहाय,
गायो भायो री, रक्षा राखजो।
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Author - Saroj Jangir
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