राजस्थानी कहावत पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे Rajasthani Kahavat Pap Ri Paan

राजस्थानी कहावत पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे

पाप अपना असर अवश्य दिखलाता है।
(Sin always reveals its consequences.)


हिंदी में अर्थ: "पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे" का मतलब है कि बुरे कर्मों का फल या उनका असर देर-सवेर सामने जरूर आता है।
English Meaning:
 
राजस्थानी कहावत पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे Rajasthani Kahavat Pap Ri Paan

"Paap Ri Paan Aaye Bin Koni Raive" means that the consequences of sinful deeds are inevitable and will eventually surface.

"घनश्याम, जेतरो भी छुपाव कर ले, पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे, साच कदी छुपे कोनी।"

"घनश्याम, चाहे जितना भी छिपाने की कोशिश कर लो, पाप का प्रभाव देर-सवेर सामने आ ही जाएगा, क्योंकि सत्य कभी छुपता नहीं।"

"Ghanshyam, no matter how much you try to hide, the consequences of sin will eventually surface, as truth can never be concealed."

राजस्थानी कहावत "पाप री पांण आये बिन कोनी रैवे" जीवन का एक महत्वपूर्ण सत्य प्रस्तुत करती है। इसका मतलब है कि इंसान द्वारा किए गए बुरे कर्म समय के साथ अपना असर दिखाते ही हैं। यह कहावत हमें सचेत करती है कि हमें अपने कर्मों में हमेशा ईमानदारी और नैतिकता बनाए रखनी चाहिए। पाप को छिपाने की कोशिश भले ही की जाए, लेकिन उसका परिणाम कभी न कभी सामने आएगा। इस कहावत के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि अच्छे कर्म हमेशा हमें सुकून और सम्मान दिलाते हैं, जबकि पाप हमारे जीवन में कष्ट और अपमान लाते हैं।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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