अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर और कहां मैं जाऊं भजन लिरिक्स
Saroj Jangir
अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर और कहां मैं जाऊं भजन
अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं, जगदम्बे तुम्हारा नाम भूलकर, और किसे मैं गाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर।
रोम रोम में रमी हुई हो,
हे घट घट की स्वामी, सुरत समाधी श्रीधर, ध्यानु की तुम अंतर्यामी, वर दे दो हे मैया, जन्म भर तुझमें ही रम जाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर।
जबसे इस जीवन में, मैंने तेरी ज्योति जगाई, तबसे मन मंदिर में, मैंने तेरी ही छवि पाई, अपने मन को बनाया आरती,
Mata Rani Bhajan lyrics in hindi
भक्ति दिया दमकाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर।
जिसको मैया के आंचल, मिल गई निर्मल छाया, मां की कृपा से अखिल जगत में, उसने सब कुछ पाया, मां के नाम की धुन गा गाकर, सागर से तर जाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं,
अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर।
अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं, जगदम्बे तुम्हारा नाम भूलकर, और किसे मैं गाऊं, अम्बे तुम्हारा धाम छोड़कर, और कहां मैं जाऊं, और कहां मैं जाऊं।
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।