नमस्कार अष्टकम जानिये अर्थ और महत्त्व
नमस्कार अष्टकम एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे श्री देवमुरारी द्वारा रचा गया है। इन्हें आचार्य सार्वभौम के रूप में जाना जाता है, जो भक्ति और शास्त्रों के महान ज्ञाता थे। इस स्तोत्र में भगवान राम के विभिन्न स्वरूपों और लीलाओं का वर्णन किया गया है जो उनकी कृपा, पराक्रम और करुणा को उजागर करता है।
नमस्कार अष्टकम का नियमित पाठ करने से मन में शांति, भक्ति और आध्यात्मिकता का संचार होता है। यह मोह और अज्ञान को दूर करता है तथा ईश्वर की अनुकंपा से मुक्ति/मोक्ष प्रदान करने में सहायक है। सरल और हृदयस्पर्शी भाषा में रचा गया यह स्तोत्र सभी भक्तों को भगवान राम की शरण में जाने के लिए प्रेरित करता है।
नमस्कार अष्टकम लिरिक्स
रमाकान्तरामं भवारामरामं विरामेऽभिरामं प्रशान्तप्रकामम्,
Ramakantha-Ramam Bhavaramaramam Virame-Abhiramam Prashantaprakamam,
परब्रह्मरूपं चिदानन्दरूपं स्फुरच्चारुचापं नतोऽहं नतोऽहम्।
Parabrahma-Rupam Chidananda-Rupam Sphurachcharu-Chapam Nato'ham Nato'ham.
नभोनीलरूपं धृतानन्तरूपं कृतारिप्रकोपं हृतारिप्रपापम्,
Nabho-Neela-Rupam Dhrita-Ananta-Rupam Kritari-Prakopam Hritari-Pratapam,
जटाजूटरूपं सतीभ्रान्तिकारं त्रिलोकोपकारं नतोऽहं नतोऽहम्।
Jata-Juta-Rupam Sati-Bhranti-Karam Trilokopakaram Nato'ham Nato'ham.
अहल्याघहारं हि ताराजतारं भवाम्भोधिपारं गृहीतावतारम्,
Ahalyagha-Haram Hi Tarajat-Taram Bhavambhodhi-Param Grihitavataram,
शृतिव्रातसारं धराधामधारं दशास्यापहारं नतोऽहं नतोऽहम्।
Shruti-Vrata-Saram Dhara-Dhama-Dharam Dashasya-Apaharam Nato'ham Nato'ham.
कृताम्भोधिसेतुं सुरत्राणहेतुं मदान्धाँश्चजेतुं रघोर्वंशकेतुम्,
Kritambhodhi-Setum Suratrana-Hetum Madandhan-Shchetu Raghor-Vamsha-Ketum,
रिपौ दण्ड पाणिं रणे शार्ङ्गपाणिं मनोहारिवाणिं मतोऽहं नतोऽहम्,
Ripau Danda-Panim Rane Sharnga-Panim Manohari-Vanim Mato'ham Nato'ham.
मुनीन्द्रैः सुरेन्द्रैर्द्विजेन्द्रैर्नरेन्द्रैः सुगीतं ससीतं प्रदीप्तं प्रपीतम्,
Muneendraih Surendrair Dwijendrair Narendraih Sugitam Saseetam Pradeeptam Prapeetam,
दहन्तं प्रदाहं सुबाहुं नृसिंहं तडित्ताडकाहं नतोऽहम नतोऽहम्,
Dahantam Pradahum Subahum Nrisingham Tadit-Tadakaham Nato'ham Nato'ham.
जगज्जानृपालं भवालम्बनालं धृताम्भोजमालं कृपालुं नृपालम्,
Jagajjanri-Palam Bhava-Alamban-Alam Dhrita-Ambhoja-Malam Kripalu Nripalam,
चलच्चारुचालं करादत्ततालं सुसाकेतबालं नतोऽहं नतोऽहम्,
Chalacharu-Chalam Kara-Datta-Talam Susaketa-Balam Nato'ham Nato'ham.
कपीन्द्रादिन्वद्यं नृपेन्द्राद्यनिन्द्यं खराखर्वगर्वं हरन्तं वरं तम्,
Kapindra-Adin-Vadyam Nripeendra-Adya-Nindyam Khara-Kharva-Garvam Harantam Varum Tam,
महाकालकालं महावालिनेऽलं बलेरङ्कवालं नतोऽहं नतोऽहम्,
Mahakala-Kalam Mahavaline-Alam Baleranka-Valam Nato'ham Nato'ham.
ग्रसद्व्यालकालं महाश्चर्यशीलं कृतारण्यवासं घृतागण्यभासम्,
Grasad-Vyala-Kalam Maha-Acharya-Sheelam Krita-Aranya-Vasam Grita-Agnya-Bhasam,
सदाश्रीनिवासं ससन्मन्दहासं सुसीताविलासं नतोऽहं नतोऽहम्।
Sada-Shri-Nivasam Sasan-Manda-Hasam Susita-Vilasam Nato'ham Nato'ham.
आचार्यसार्वभौमेण श्रीमद्देवमुरारिणा,
Acharya-Sarvabhaumena Shri-Mad-Deva-Murari-Na,
प्रणीतमष्टकं चैतत् पठतां मुक्तिदायकम्।
Pranitam-Ashtakam Chaitat Pathatam Mukti-Dayakam.
नमस्कार अष्टकम लिरिक्स
रमाकान्तरामं भवारामरामं विरामेऽभिरामं प्रशान्तप्रकामम्,
Ramakantha-Ramam Bhavaramaramam Virame-Abhiramam Prashantaprakamam,
परब्रह्मरूपं चिदानन्दरूपं स्फुरच्चारुचापं नतोऽहं नतोऽहम्।
Parabrahma-Rupam Chidananda-Rupam Sphurachcharu-Chapam Nato'ham Nato'ham.
नभोनीलरूपं धृतानन्तरूपं कृतारिप्रकोपं हृतारिप्रपापम्,
Nabho-Neela-Rupam Dhrita-Ananta-Rupam Kritari-Prakopam Hritari-Pratapam,
जटाजूटरूपं सतीभ्रान्तिकारं त्रिलोकोपकारं नतोऽहं नतोऽहम्।
Jata-Juta-Rupam Sati-Bhranti-Karam Trilokopakaram Nato'ham Nato'ham.
अहल्याघहारं हि ताराजतारं भवाम्भोधिपारं गृहीतावतारम्,
Ahalyagha-Haram Hi Tarajat-Taram Bhavambhodhi-Param Grihitavataram,
शृतिव्रातसारं धराधामधारं दशास्यापहारं नतोऽहं नतोऽहम्।
Shruti-Vrata-Saram Dhara-Dhama-Dharam Dashasya-Apaharam Nato'ham Nato'ham.
कृताम्भोधिसेतुं सुरत्राणहेतुं मदान्धाँश्चजेतुं रघोर्वंशकेतुम्,
Kritambhodhi-Setum Suratrana-Hetum Madandhan-Shchetu Raghor-Vamsha-Ketum,
रिपौ दण्ड पाणिं रणे शार्ङ्गपाणिं मनोहारिवाणिं मतोऽहं नतोऽहम्,
Ripau Danda-Panim Rane Sharnga-Panim Manohari-Vanim Mato'ham Nato'ham.
मुनीन्द्रैः सुरेन्द्रैर्द्विजेन्द्रैर्नरेन्द्रैः सुगीतं ससीतं प्रदीप्तं प्रपीतम्,
Muneendraih Surendrair Dwijendrair Narendraih Sugitam Saseetam Pradeeptam Prapeetam,
दहन्तं प्रदाहं सुबाहुं नृसिंहं तडित्ताडकाहं नतोऽहम नतोऽहम्,
Dahantam Pradahum Subahum Nrisingham Tadit-Tadakaham Nato'ham Nato'ham.
जगज्जानृपालं भवालम्बनालं धृताम्भोजमालं कृपालुं नृपालम्,
Jagajjanri-Palam Bhava-Alamban-Alam Dhrita-Ambhoja-Malam Kripalu Nripalam,
चलच्चारुचालं करादत्ततालं सुसाकेतबालं नतोऽहं नतोऽहम्,
Chalacharu-Chalam Kara-Datta-Talam Susaketa-Balam Nato'ham Nato'ham.
कपीन्द्रादिन्वद्यं नृपेन्द्राद्यनिन्द्यं खराखर्वगर्वं हरन्तं वरं तम्,
Kapindra-Adin-Vadyam Nripeendra-Adya-Nindyam Khara-Kharva-Garvam Harantam Varum Tam,
महाकालकालं महावालिनेऽलं बलेरङ्कवालं नतोऽहं नतोऽहम्,
Mahakala-Kalam Mahavaline-Alam Baleranka-Valam Nato'ham Nato'ham.
ग्रसद्व्यालकालं महाश्चर्यशीलं कृतारण्यवासं घृतागण्यभासम्,
Grasad-Vyala-Kalam Maha-Acharya-Sheelam Krita-Aranya-Vasam Grita-Agnya-Bhasam,
सदाश्रीनिवासं ससन्मन्दहासं सुसीताविलासं नतोऽहं नतोऽहम्।
Sada-Shri-Nivasam Sasan-Manda-Hasam Susita-Vilasam Nato'ham Nato'ham.
आचार्यसार्वभौमेण श्रीमद्देवमुरारिणा,
Acharya-Sarvabhaumena Shri-Mad-Deva-Murari-Na,
प्रणीतमष्टकं चैतत् पठतां मुक्तिदायकम्।
Pranitam-Ashtakam Chaitat Pathatam Mukti-Dayakam.
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Song - Namaskar Ashtakam
Lyrics - Traditional
Singer - Manoj Mishra
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Author - Saroj Jangir
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