मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम, राधा राधा रटते रटते, तन से निकले प्राण मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम।
यमुना जी का निर्मल पानी, शीतल करत शरीर, शीतल करत शरीर, बंसी बजावत गावत कान्हो, संग लियो बलवीर, संग लियो बलवीर, मोर मुकुट पिताम्बर सोहे, गल बैजन्ती माल, मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम।
वृन्दावन के वृक्ष को प्यारे, वृक्ष ना माने कोय, वृक्ष ना माने कोय, डाल डाल और पात पात श्री, राधे राधे होय, राधे राधे होय, बृज को माटी माथे लगाकर, मिल गए मुझको श्याम, मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम।
राधा रमण मेरे श्री बांके बिहारी, राधा वल्लभ लाल, राधा वल्लभ लाल, युगल किशोर जू मदन मोहन जू, प्यारे गोपीनाथ, प्यारे गोपीनाथ, रूप गोस्वामी प्रकट कियो जहां, गोविन्द रूप निधान, वृन्दावन के सप्त निधिन को, करते हैं हम प्रणाम, मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम।
मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम, राधा राधा रटते रटते, तन से निकले प्राण मेरो मन लाग्यो, श्री वृन्दावन धाम।
Mero Man Lagyo Shree Vrindavan Dham
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
इस भजन में श्री वृन्दावन धाम की दिव्यता और राधाकृष्ण की भक्ति का सुंदर चित्रण किया गया है। इसमें यमुना जी के निर्मल जल, कान्हा की बंसी की मधुर धुन, और वृन्दावन की पवित्र माटी का वर्णन है, जो सब के हृदय को शीतलता और आनंद से भर देता है। राधाकृष्ण के प्रेम और भक्ति में लीन यह भजन हमें अपने मन को वृन्दावन की ओर आकर्षित करने और उनके चरणों में समर्पित होने की प्रेरणा देता है। राधा राधा के नाम का स्मरण करते हुए, तन-मन से प्रभु की भक्ति में लीन हो जाना ही इस भजन का मुख्य संदेश है।
वृन्दावन धाम, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित एक पवित्र नगर है, जो भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और राधा-कृष्ण की प्रेम कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह स्थान भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और यहाँ अनेक प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं। वृन्दावन मथुरा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
Mero Man Lagyo Shree Vrindavan Dham · Vishnupriya Avi Ji Mero Man Lagyo Shree Vrindavan Dham
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।