पहेली बुझाणौ राजस्थानी कहावत हिंदी अर्थ

पहेली बुझाणौ राजस्थानी कहावत/Rajasthani Phrase

हिंदी में अर्थ: "पहेली बुझाणौ" का मतलब होता है बात को घुमा-फिराकर कहना या किसी चीज़ को स्पष्ट तरीके से न बताकर उसे जटिल और उलझा हुआ बना देना। इस कहावत का उपयोग तब होता है, जब कोई व्यक्ति सीधे-सपाट तरीके से अपनी बात नहीं कहता, बल्कि अपने शब्दों में उलझाव पैदा करता है। जैसे किसी बात को सीधे कहने के बजाय पहेली की तरह प्रस्तुत करना। पहेली बुझाणौ :- घुमा-फिरा कर कहना,सीधी बात ना कहकर उसे घुमा फिरा कर कहना, अस्पष्ट रूप से कहना। इस कहावत को हिंदी में पहेली बुझाना कहते हैं।

पहेली बुझाणौ राजस्थानी कहावत हिंदी अर्थ

"Paheli Bujhano" means to speak in a roundabout or indirect manner, avoiding straightforward communication and presenting the matter in a complex or ambiguous way, much like a riddle.

राजस्थानी कहावत "पहेली बुझाणौ" जीवन के उन क्षणों को चित्रित करती है, जब लोग अपनी बात को सीधे और साफ-साफ कहने के बजाय उलझाने लगते हैं। यह व्यवहार कभी-कभी दूसरों को भ्रमित करने के लिए किया जाता है या फिर तब, जब व्यक्ति किसी बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं होता। इस कहावत का उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है, जहां पारदर्शिता की बजाय अस्पष्टता होती है।

The Rajasthani phrase "Paheli Bujhano" refers to situations where individuals complicate their speech, avoiding direct communication. Often, this behavior is either intentional, aimed at confusing others, or stems from a lack of clarity about the subject. The phrase highlights the human tendency to obscure truth or meaning, whether to protect oneself, to manipulate, or simply as a habit.

मुहावरे किसे कहते हैं? मुहावरे ऐसे वाक्यांश होते हैं जो किसी विशेष अर्थ को सामान्य भाषा में रोचक और प्रभावशाली तरीके से समझाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनका सीधा अर्थ न लेकर इन्हें घुमा-फिराकर कहा जाता है, जिससे भाषा अधिक दिलचस्प और अभिव्यक्तिपूर्ण बन जाती है। मुहावरे भाषा में मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त तरीके से बात कहने का माध्यम होते हैं।

पहेली बुझाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
"पहेली बुझाना" मुहावरे का अर्थ है अपनी बात को घुमा-फिराकर कहना या स्पष्ट रूप से न बताना। जब कोई व्यक्ति डर, झिझक या संकोच के कारण अपनी बात को सीधा न कहकर उसे उलझाकर पेश करता है, तो इसे "पहेली बुझाना" कहते हैं।

पहेली बुझाना पर व्याख्या- इस मुहावरे का मतलब है किसी विषय को ऐसे घुमा-फिराकर कहना कि सुनने वाले को समझने में कठिनाई हो। यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब व्यक्ति किसी डर या हिचकिचाहट के कारण अपनी बात सीधे तौर पर कहने से बचता है। इसका उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है, जब कोई अपनी गलती छिपाना चाहता है या असहज स्थिति से बचना चाहता है।

पहेली बुझाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग

  • सुरेश की आदत ही पहेली बुझाने की हो गई है, वह कभी सीधी बात नहीं करता।
  • सुमन कल घूमने जाना चाहती थी, इसलिए अपने घरवालों को मनाने के लिए पहेली बुझा रही थी।
  • राकेश से कुछ भी पूछो, वह हमेशा पहेली बुझाने लगता है।
  • मोहित से कांच का गिलास टूट गया, और वह अपनी मम्मी से यह बात छिपाने के लिए पहेली बुझाने लगा।
  • अध्यापक ने पूछा तो रोहन ने अपनी गलती छिपाने के लिए पहेली बुझानी शुरू कर दी।

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राजस्थानी कहावतों का अर्थ/पहेली बुझाना का मतलब/राजस्थानी भाषा के मुहावरे/घुमा फिराकर बात करना के उदाहरण

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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