मुझे उज्जैन में मर जाने दो शिव भजन
मुझे उज्जैन में मर जाने दो
खिलखिलाती हुई कली मिल जाए,
फितरत भी संदली मिल जाए,
उसकी किस्मत का क्या ठिकाना,
जिसको उज्जैन की गली मिल जाए।
दीवानों के रेले में,
सावन के ये मेले में,
दिन कितने सुहाने थे,
खुश सारे दीवाने थे।
जब खत्म हुआ मेला, आंखों में नमी आई,
भोले से बिछड़ने की, जिस वक्त घड़ी आई,
रोता था, मचलता था, चौखट पर तड़पता था,
बाबा तेरी दहलीज पर दीवाना ये कहता था,
अभी तकदीर संवर जाने दो, संवर जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
ऐ मेरे महाकाल,
अपने आशिक के सब्र का मत और इम्तिहान लो।
कई जन्मों से तरसा हूं तेरी मोहब्बत को,
अब तो ये चेहरा पहचान लो।
और तुम जानते हो सबके अरमानों की,
मेरा भी अरमान-ए-दिल जान लो,
इस कश्ती को भी किनारा मिल जाएगा,
अगर पतवार तुम थाम लो।
मेरा दिल, मेरी जां, मेरा अरमान है,
मेरे भोले की जग में अलग शान है।
देवों के देव महादेव हैं,
कालों के काल महाकाल हैं,
मेरी हर सांस भोले पे कुर्बान है।
नशा भोलेनाथ का चढ़ जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
ऐ मेरे महाकाल,
ये मुस्कुराहट तू मुझे एक बार दे दे,
ख्वाबों में सही दीदार दे दे,
और एक बार कर ले मिलने का वादा,
फिर चाहे उम्र भर का इंतजार दे दे।
दरबार का ख्याल है, ध्वजा पर नजर है,
ये तो मेरे भोले जी की चाहत का असर है,
दुनिया न जान पाएगी इस दिल की तड़प को,
मैं किस लिए आया हूं, ये बाबा को खबर है।
अपने चरणों से लिपट जाने दो, हो लिपट जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
छप्पन से भोले जी की ये सेवा न छुड़ाओ,
इस दर पे पड़ा हूं, तुम्हें जाना है तो जाओ,
इस डर से उठूंगा तो कहीं का न रहूंगा,
मुझको मेरे भोले जी के दर से न उठाओ।
नशा दुनिया का उतर जाने दो, उतर जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
फितरत भी संदली मिल जाए,
उसकी किस्मत का क्या ठिकाना,
जिसको उज्जैन की गली मिल जाए।
दीवानों के रेले में,
सावन के ये मेले में,
दिन कितने सुहाने थे,
खुश सारे दीवाने थे।
जब खत्म हुआ मेला, आंखों में नमी आई,
भोले से बिछड़ने की, जिस वक्त घड़ी आई,
रोता था, मचलता था, चौखट पर तड़पता था,
बाबा तेरी दहलीज पर दीवाना ये कहता था,
अभी तकदीर संवर जाने दो, संवर जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
ऐ मेरे महाकाल,
अपने आशिक के सब्र का मत और इम्तिहान लो।
कई जन्मों से तरसा हूं तेरी मोहब्बत को,
अब तो ये चेहरा पहचान लो।
और तुम जानते हो सबके अरमानों की,
मेरा भी अरमान-ए-दिल जान लो,
इस कश्ती को भी किनारा मिल जाएगा,
अगर पतवार तुम थाम लो।
मेरा दिल, मेरी जां, मेरा अरमान है,
मेरे भोले की जग में अलग शान है।
देवों के देव महादेव हैं,
कालों के काल महाकाल हैं,
मेरी हर सांस भोले पे कुर्बान है।
नशा भोलेनाथ का चढ़ जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
ऐ मेरे महाकाल,
ये मुस्कुराहट तू मुझे एक बार दे दे,
ख्वाबों में सही दीदार दे दे,
और एक बार कर ले मिलने का वादा,
फिर चाहे उम्र भर का इंतजार दे दे।
दरबार का ख्याल है, ध्वजा पर नजर है,
ये तो मेरे भोले जी की चाहत का असर है,
दुनिया न जान पाएगी इस दिल की तड़प को,
मैं किस लिए आया हूं, ये बाबा को खबर है।
अपने चरणों से लिपट जाने दो, हो लिपट जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
छप्पन से भोले जी की ये सेवा न छुड़ाओ,
इस दर पे पड़ा हूं, तुम्हें जाना है तो जाओ,
इस डर से उठूंगा तो कहीं का न रहूंगा,
मुझको मेरे भोले जी के दर से न उठाओ।
नशा दुनिया का उतर जाने दो, उतर जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।
महाँकाल भजन - ऐ मेरे महाँकाल - मुझे उज्जैन में मर जाने दो Ft. Guru Chhappan Indori & Krishna Pawar
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सत्य घटना से जुड़ा एक छोटा सा किस्सा, एक महाँकाल दीवाना जब सावन के पावन महीने उज्जैन जाता है और जब वापस लौटने की बारी आने पर उसके दिल से क्या आवाज निकलती है, या उसके क्या अरमान है वो इस भजन के माध्यम से हम आपको बता रहे है।
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Author - Saroj Jangir
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