नाथ मैं तो हार गई घोट के भांग तुम्हारी, नाथ मैं तो हार गई घोट के भांग तुम्हारी, हम तो हुए पराये स्वामी लागे भांग प्यारी, नाथ मैं तो हार गई घोट के भांग तुम्हारी।
हरी हरी भांग की बूटी देखो, सौतन बनी हमारी, जंगल झाड़ दिखा दिया इसने, बोय बोय मैं तो हारी,
नाथ मैं तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी।
चुन चुन लाऊं भांग की पत्तियां, घोट देवूं फिर सारी, घोटत घोटत घिसो सिलवटना, अब टूटन की बारी, नाथ मैं तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी।
घोटत घोटत उंगली घिस गई, तुमने कदर ना जानी,
Komal Gouri Bhajan Likha Hua Bhajan Likhit Lyrics,Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
सुन सुन ताने गौरा जी के, मुस्काये त्रिपुरारी, नाथ मैं तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी।
श्याम सुंदर जैसे शंकर गोरा, ओ गोरा है मुस्काई, नित घोटूं मैं भांग तुम्हारी, लागे भांग प्यारी, नाथ मैं तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी।
भोलेबाबा की भांग का विशेष महत्व है। वे इसे प्रसाद रूप में स्वीकार करते हैं और आनंदित रहते हैं। भोलेनाथ को भांग, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं। उनकी भक्ति में भोलापन, प्रेम और आध्यात्मिक आनंद मिलता है। शिवरात्रि और विशेष अवसरों पर भांग मिश्रित प्रसाद ग्रहण करते हैं जो शिव की अलौकिक चेतना से जुड़ने का माध्यम माना जाता है। जय भोले शंकर।
शिवरात्रि भजन | नाथ मैं तो हार गई, घोट के भांग तुम्हारी | Shiv Gora Bhajan | Komal Gouri
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