जानो पड़सी रे पंछी यह बागा में छोड़ भजन

जानो पड़सी रे पंछी यह बागा में छोड़ भजन

यो मैलो संसार रो,
अटे आवण-जावण री रीत,
ऐसी करणी कर चलो बिरा,
थारा दुनिया गावे गीत।।

जाणो पड़सी रे पंछी,
यह बागा में छोड़,
एक दिन जाना पड़सी रे।।

किया घोंसला चुनचुन तिनका,
पर तेरो विश्वास ना क्षण का,
किया साथ थें किनका-किनका,
छोड़ियां सरसी रे ओ पंछी,
सब सग्यां को साथ,
एक दिन जाणो पड़सी रे।।

जब तक है पिंजरा में वासा,
तब तक है दुनिया री आशा,
तब तक है बन माई बासा,
टेम निकलसी रे ओ पंछी,
जो करणो जट करले,
फेर पछताणो पड़सी रे।।

अब उड़बा को आ गयो दिनड़ो,
बिलक-बिलक बिलकावे जीवड़ो,
जतनों सूं राख्यो कर बंडो,
जाणो पड़सी रे पंछी,
यह बागा ने छोड़, जाना पड़सी रे।।

जाणो पड़सी रे पंछी,
यह बागा में छोड़,
एक दिन जाना पड़सी रे।।


जानो पड़सी रे | Ratan Lal Prajapati | Rajasthani Devotional Song 2018 | Shree Cassettes Rajasthani

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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