रात कल सांवरे का ख्वाब आया | Raat Kal Saanware Ka Khawab Aaya - सांवरे का ख्वाब मन में एक आलोड़न सा लाता है, जैसे कोई दर्पण सामने रख दे, जिसमें गलतियों का हिसाब साफ दिखाई दे। भक्त अपने प्रभु से पूछता है, क्यों रूठ गए, क्या बात है? जवाब में सांवरा उसकी कमियों को गुनहगार ठहराता है। यह वह क्षण है, जब मन आत्मनिरीक्षण में डूब जाता है, जैसे कोई यात्री अपनी राह भटकने का कारण खोजे।
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