किष्किन्धा काण्ड-04 Tulsi Das Ram Charit Mans Hindi Kishkinda Kand in Hindi तुलसी दास राम चरित मानस किष्किन्धा काण्ड
दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा। पूछें निज बृत्तांत सुनावा।। तेहिं तब कहा करहु जल पाना। खाहु सुरस सुंदर फल नाना।। मज्जनु कीन्ह मधुर फल खाए। तासु निकट …