
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
नाथ संभुधनु भंजनिहारा मीनिंग नाथ संभुधनु भंजनिहारा। होइहि केउ एक दास तुम्हारा॥ आयसु काह कहिअ किन मोही। सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही॥ सेवकु सो...
जाँचिये गिरिजापति काशी भजन जाँचिये गिरिजापति काशी सासू भावना अनिमादक दासी सुख सम्पति मति सुगति सुहाई सकल सुलभ शंकर सेवाकाई गैसरन आरती के ल...
गोस्वामी तुलसीदास श्री रामचरित मानस के रचयित गोस्वामी तुलसीदास का परिचय श्री रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास का जन्म सन् १५६८ में...
उत्तर काण्ड-21 Tulsi Das Ram Charit Mans राम कथा गिरिजा मैं बरनी। कलि मल समनि मनोमल हरनी।। संसृति रोग सजीवन मूरी। राम कथा गावहिं श्रुति सू...
सुमिरि राम के गुन गन नाना उत्तर काण्ड सुमिरि राम के गुन गन नाना। पुनि पुनि हरष भुसुंडि सुजाना।। महिमा निगम नेति करि गाई। अतुलित बल प्रताप प...
एहि बिधि सकल जीव जग रोगी उत्तर काण्ड एहि बिधि सकल जीव जग रोगी। सोक हरष भय प्रीति बियोगी।। मानक रोग कछुक मैं गाए। हहिं सब कें लखि बिरलेन्ह प...
छोरत ग्रंथि जानि खगराया उत्तर काण्ड सोहमस्मि इति बृत्ति अखंडा। दीप सिखा सोइ परम प्रचंडा।। आतम अनुभव सुख सुप्रकासा। तब भव मूल भेद भ्रम नासा।...
सुनु खगेस नहिं कछु रिषि दूषन उत्तर काण्ड सुनु खगेस नहिं कछु रिषि दूषन। उर प्रेरक रघुबंस बिभूषन।। कृपासिंधु मुनि मति करि भोरी। लीन्हि प्रेम ...
एहि कर होइ परम कल्याना उत्तर काण्ड एहि कर होइ परम कल्याना। सोइ करहु अब कृपानिधाना।। बिप्रगिरा सुनि परहित सानी। एवमस्तु इति भइ नभबानी।। जदप...
गरुड़ गिरा सुनि हरषेउ कागा उत्तर काण्ड गरुड़ गिरा सुनि हरषेउ कागा। बोलेउ उमा परम अनुरागा।। धन्य धन्य तव मति उरगारी। प्रस्न तुम्हारि मोहि अति ...