दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा किष्किन्धा काण्ड
दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा किष्किन्धा काण्ड दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा। पूछें निज बृत्तांत सुनावा।। तेहिं तब कहा करहु जल पाना। खाहु सुर...
दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा किष्किन्धा काण्ड दूरि ते ताहि सबन्हि सिर नावा। पूछें निज बृत्तांत सुनावा।। तेहिं तब कहा करहु जल पाना। खाहु सुर...
उमा राम सम हित जग माहीं किष्किन्धा काण्ड उमा राम सम हित जग माहीं। गुरु पितु मातु बंधु प्रभु नाहीं।। सुर नर मुनि सब कै यह रीती। स्वारथ लागि ...
जे न मित्र दुख होहिं दुखारी किष्किन्धा काण्ड जे न मित्र दुख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी।। निज दुख गिरि सम रज करि जाना। मित्र...
कुन्देन्दीवरसुन्दरावतिबलौ विज्ञानधामावुभौ किष्किन्धा काण्ड ।।राम।। श्रीगणेशाय नमः श्रीजानकीवल्लभो विजयते श्रीरामचरितमानस चतुर्थ सोपान ...