Raskhaan

सुजान रसखान हिंदी अर्थ सहित

सुजान रसखान हिंदी अर्थ सहित   आज महूं दधि बेचन जात ही मोहन रोकि लियौ मग आयौ। माँगत दान में आन लियौ सु कियो निलजी रस जोवन खायौ।। काह कहूँ स...

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सुजान-रसखान हिंदी अर्थ सहित

सुजान-रसखान हिंदी अर्थ सहित   मोहन छबि रसखानि लखि, अब दृग अपने नाहिं। ऐंचे आवत धनुष से, छूटे सर से जाहिं।।51।। या छबि पै रसखानि अब वारौं...

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सुजान रसखान हिंदी अर्थ सहित

सुजान रसखान Sujan by Raskhan   मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन। जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मँझार...

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रसखान के दोहे हिंदी अर्थ सहित

रसखान के दोहे हिंदी अर्थ सहित प्रेम-अयनि श्रीराधिका, प्रेम-बरन नँदनंद। प्रेमवाटिका के दोऊ, माली मालिन द्वंद्व।।1।।   हिंदी अर्थ : रसखान कहते...

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