Dohe

वृन्द के दोहे Vrind Ke Dohe in Hindi

वृन्द के दोहे Vrind Ke Dohe in Hindi वृन्द रीतिकाल के श्रेष्ठ कवियों में से एक हैं। इनका जन्म सन् 1643 में मेड़ता (राजस्थान) में हुआ था। इनक...

Saroj Jangir

दोहे फ़िराक़ गोरखपुरी

दोहे फ़िराक़ गोरखपुरी   नया घाव है प्रेम का जो चमके दिन-रात होनहार बिरवान के चिकने-चिकने पात. यही जगत की रीत है, यही जगत की नीत मन क...

Saroj Jangir

दादू दयाल के दोहे हिंदी में

दादू दयाल के दोहे हिंदी में   दादू दीया है भला, दिया करो सब कोय। घर में धरा न पाइए, जो कर दिया न होय। दादू इस संसार मैं, ये द्वै रतन ...

Saroj Jangir

कबीर साहेब के दोहे सरल हिंदी अर्थ सहित

कबीर साहेब के दोहे सरल हिंदी अर्थ सहित साधु भया तो क्या भया, माला पहिरी चार । बाहर भेष बनाइया, भीतर भरी भंगार ॥ तन को जोगी सब करै, मन को कर...

Saroj Jangir

बिहारी के दोहे जानिये सरल अर्थ

बिहारी के दोहे जानिये सरल हिंदी अर्थ सहित   कहा लड़ैते दृग करे परे लाल बेहाल। कहुँ मुरली कहुँ पीतपटु कहूँ मुकुट बनमाल॥ लटकि लटकि लटकतु च...

Saroj Jangir

बिहारी के दोहे जानिए सरल हिंदी अर्थ

बिहारी के दोहे जानिए सरल हिंदी अर्थ सहित लखि लोइन लोइननु कौं को इन होइ न आज। कौन गरीब निवाजिबौ कित तूठ्यौ रतिराज॥ मन न धरति मेरौ कह्यौ...

Saroj Jangir

सरल हिंदी अर्थों में जानिये रहीम के दोहे

सरल हिंदी अर्थों में जानिये रहीम के दोहे जब लगि जीवन जगत में, सुख दुख मिलन अगोट । रहिमन फूटे गोट ज्‍यों, परत दुहुँन सिर चोट ॥ जब लगि बि...

Saroj Jangir

रहीम के दोहे सरल हिंदी अर्थ में यहाँ जानिये

रहीम के दोहे सरल हिंदी अर्थ में यहाँ जानिये कमला थिर न रहीम कहि, यह जानत सब कोय। पुरुष पुरातन की बधू, क्‍यों न चंचला होय ॥ कमला थिर न ...

Saroj Jangir

रहीम के दोहे अर्थ सहित जानिये

रहीम के दोहे अर्थ सहित जानिये तैं रहीम मन आपुनो, कीन्हों चारु चकोर। निसि बासर लागो रहै, कृष्णचंद्र की ओर ॥ रहीम कहते हैं कि उन्होंने अपने...

Saroj Jangir

रसखान के दोहे हिंदी अर्थ सहित

रसखान के दोहे हिंदी अर्थ सहित प्रेम-अयनि श्रीराधिका, प्रेम-बरन नँदनंद। प्रेमवाटिका के दोऊ, माली मालिन द्वंद्व।।1।।   हिंदी अर्थ : रसखान कहते...

Saroj Jangir