
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
संत रविदास अमृतवाणी दोहावली भजन हरि सा हीरा छांड कै, करै आन की आस ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास। हरी रूपी रत्न को छोड़कर, माया की आशा...
Charano Me Satguru Ke Pranaam Likh De लिखने वाले, लिखने वाले, लिखने वाले ये पैगाम लिख दे, चरणों में सतगुरु के प्रणाम लिख दे। आँखों में तू ...