व्रकतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभाः Vakratunda Mahakay Bhajan
व्रकतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभाः भजन लिरिक्स Vakratunda Mahakay Bhajan व्रकतुंड महाकाय, सूर्यकोटी समप्रभाः। निर्वघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्ये…
જે ગમે જગત ગુરુ દેવ જગદીશને, તે તણો ખરખરો ફોક કરવો; આપણો ચિંતવ્યો અર્થ
सभी गुजराती भजन देखेंहत्थ फड़ के तू सिखाया जिन्नू तुरना : जिसे तुमने हाथ पकड़ कर चलना सिखाया।
सभी पंजाबी लोकगीत देखेबाय चाल्या छा भंवर जी पींपळी जी, हांजी ढोला हो गई घेर घुमेर,
सभी राजस्थानी फोक सोंग देखेंहे माँ, कैसा जुलम गुज़ारा, मैं बूढ़े गेल्याँ (साथ) ब्याही,
सभी हरियाणवी फोक सोंग देखेढोलकीच्या तालावर घुंगरच्यां बोलावर, मी नाचते मीं डोलते
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