वारी जाऊ रे बलिहारी जाऊ भजन
वारी जाऊ रे बलिहारी जाऊ कबीर भजन एजी सतगुरु आवत देखिया, और जाजम दीन्ही बिछाय, अरे फूलन की बिरखा भई, और रही चमेली छाय, एजी जिन घर आये संतजन...
वारी जाऊ रे बलिहारी जाऊ कबीर भजन एजी सतगुरु आवत देखिया, और जाजम दीन्ही बिछाय, अरे फूलन की बिरखा भई, और रही चमेली छाय, एजी जिन घर आये संतजन...
यहां रहना नहीं देस बिराना है कबीर भजन पत्ता कहता तरुवर से, और सुनो तरुवर मेरी बात, उस घर की ऐसी रीत है, एक आवक एक जात, यहां रहणा नहीं देस ...