श्री गो माता आरती Shri Go Mata Aarti Lyrics Gaay Mata Ki Aarti

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श्री गो माता आरती Gou Mata Ki Aarti Hindi

हम गाय माता का सम्मान करते हैं, और हम उसे प्यार करते हैं। हम सभी प्राणियों को इस कोमल जानवर का सम्मान करके सम्मानित करते हैं, जो उससे अधिक उपयोगी वस्तुएं भी प्रदान करता है । हिन्दू परंपरा में त्योहारों पर गाय को सम्मानित, माला पहनाई जाती है और विशेष रूप से पूरे भारत में
विशेष गोपाष्टमा उत्सव मनाया जाता है। यह दिखाते हुए कि हिंदुओं को अपनी गायों से कितना प्यार है, रंग-बिरंगे गाय के गहने और कपड़े पूरे भारतीय देश में मेलों में बेचे जाते हैं। हिंदू बच्चों को छोटी उम्र से गाय को माला, पेंट और गहनों से सजाना सिखाया जाता है। कामधेनु में, दिव्य, इच्छा-पूर्ति करने वाली गाय, उसका स्वभाव है। हिंदू पूजा में, तपस्या और संस्कार के मार्ग, गाय और उसके पवित्र उपहार-दूध और घी विशेष रूप से आवश्यक तत्व हैं।

वेदों में गायें सांसारिक धन और आनंदमय जीवन का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऋग्वेद (4.28.1; 6) में लिखा है की "गाय हमारे लिए सौभाग्य लेकर आती हैं। श्री गो माता आरती-

आरती श्री गैया मैया की|
आरती-हरनि विश्‍वधैया की| टेक |

अर्थ काम सद्धर्म प्रदायिनि|
अविचलअमलमुक्तिपददायिनि||

सुर मानक सौभाग्य विधायिनि|
प्यारी पूज्य नन्द छैया की|| आरती ||

अखिल विश्‍व प्रति पालिनि माता|
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता||
रोग-शोक-संकट परित्राता|
भवसागर हित दृढ़ नैया की|| आरती ||

आयु-ओज आरोग्य विकाशिनि|
दुःख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि||

सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि|
विमल विवेक बुद्धि दैया की|| आरती ||

सेवक हो चाहे दुःखदाई|
सम पय सुधा पियावति माई||

शत्रु मित्र सबको सुखदाई|
स्नेह स्वभाव विश्‍व जैया की ||

आरती श्री गैया मैया की,
आरती हरनि विश्‍व धैया की।
आरती श्री गैया मैया की,।

अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनी,
अविचल अमल मुक्तिपद्दायिनी।
सुर मानव सौभाग्या विधायिनी,
प्यारी पूज्य नन्द छैय्या की॥
आरती श्री गैया मैया की,।

अखिल विश्व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ नैय्या की॥
आरती श्री गैया मैया की,।

आयु ओज आरोग्य विकाशिनी,
दुःख दैन्य दारिद्रय विनाशिनी।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनी,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की॥
आरती श्री गैया मैया की,।

सेवक हो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई।
शत्रु-मित्र सबको सुखदायी,स्
नेह स्वभाव विश्व जैय्या की॥
आरती श्री गैया मैया की,।

आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्‍व धैय्या की।


ॐ जय जय गौमाता, मैया जय जय गौमाता
जो कोई तुमको ध्याता, त्रिभुवन सुख पाता
सुख समृद्धि प्रदायनी, गौ की कृपा मिले
जो करे गौ की सेवा, पल में विपत्ति टले
आयु ओज विकासिनी, जन जन की माई
शत्रु मित्र सुत जाने, सब की सुख दाई
सुर सौभाग्य विधायिनी, अमृती दुग्ध दियो
अखिल विश्व नर नारी, शिव अभिषेक कियो
ममतामयी मन भाविनी, तुम ही जग माता
जग की पालनहारी, कामधेनु माता
संकट रोग विनाशिनी, सुर महिमा गाई
गौ शाला की सेवा, संतन मन भाई
गौ मां की रक्षा हित, हरी अवतार लियो
गौ पालक गौपाला, शुभ संदेश दियो
श्री गौमाता की आरती, जो कोई सुत गावे
पदम् कहत वे तरणी, भव से तर जावे

 

Gau Mata Ki Aarti | Gau Mata Song | Gau Mata Devotional Songs


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