चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है भजन लिरिक्स Chalo Bulava Aaya Hai Mata Ne Bulaya Hai Bhajan Lyrics
माता जिनको याद करे, वो लोग निराले होते हैं,
माता जिनका नाम पुकारे, किस्मत वाले होतें हैं,
चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है,
सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारो का,
रास्ता देख रही है माता, अपने आख के तारों का,
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेसा लाया है,
जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालो को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पो के षालों को,
जिस ने जितना दरद सहा है, उतना चैन भी पाया है,
वैष्णो देवी के मन्दिर मे , लोग मुरदे पाते है,
रोते रोते आते है, हस्ते हस्ते जाते है,
मे भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है,
मे तो भी एक माँ हूं माता,
माँ ही माँ को पहचाने,
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने,
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है,
प्रेम से बोलो, जय माता दी,
वैष्णो रानी, जय माता दी,
अम्बे कल्याणी, जय माता दी,
माँ भोली भाली, जय माता दी,
माँ शेरों वाली, जय माता दी,
झोली भर देती, जय माता दी,
संकट हर लेती, जय माता दी,
ओ जय माता दी, जय माता दी,
Chalo Bulawa Aaya Hai (HD) | Avtaar Song | Rajesh Khanna | Shabana Azmi | Hindi Song
माता दुर्गा की महिमा : माता दुर्गा को शक्ति, वीरता और दया का अवतार हैं। माता रानी ब्रह्मांड की रक्षक हैं और भक्तों के लिए आशा और सुरक्षा का प्रतीक हैं।
माता दुर्गा की महिमा का वर्णन कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है, विशेष रूप से देवी भागवत पुराण में। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता दुर्गा का जन्म भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय के विवाह के अवसर पर हुआ था।
माता दुर्गा ने अपने जीवन में कई राक्षसों का वध किया है, जिनमें महिषासुर, चंडमुंड, शुम्भ और निशुंभ प्रमुख हैं। महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसने तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया था। माता दुर्गा ने महिषासुर का वध करके तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया।
चंडमुंड और शुम्भ दो अन्य राक्षस थे, जिन्होंने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था। माता दुर्गा ने चंडमुंड और शुम्भ का वध करके देवताओं को उनके आतंक से मुक्त कराया।
माता दुर्गा की महिमा का वर्णन कई भक्ति गीतों और कविताओं में भी किया गया है। इन गीतों और कविताओं में माता दुर्गा को एक शक्तिशाली और दयालु देवी के रूप में चित्रित किया गया है, जो भक्तों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहती हैं।
माता दुर्गा की महिमा का वर्णन कई हिंदू ग्रंथों में मिलता है, विशेष रूप से देवी भागवत पुराण में। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माता दुर्गा का जन्म भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय के विवाह के अवसर पर हुआ था।
माता दुर्गा ने अपने जीवन में कई राक्षसों का वध किया है, जिनमें महिषासुर, चंडमुंड, शुम्भ और निशुंभ प्रमुख हैं। महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसने तीनों लोकों पर कब्जा कर लिया था। माता दुर्गा ने महिषासुर का वध करके तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्त कराया।
चंडमुंड और शुम्भ दो अन्य राक्षस थे, जिन्होंने देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था। माता दुर्गा ने चंडमुंड और शुम्भ का वध करके देवताओं को उनके आतंक से मुक्त कराया।
माता दुर्गा की महिमा का वर्णन कई भक्ति गीतों और कविताओं में भी किया गया है। इन गीतों और कविताओं में माता दुर्गा को एक शक्तिशाली और दयालु देवी के रूप में चित्रित किया गया है, जो भक्तों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहती हैं।