मेरे दिल की तमन्ना है मुझे अपना बना भजन
मेरे दिल की तमन्ना है मुझे अपना बना लेना
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
मेरे दिल की तमन्ना है मुझे अपना बना लेना
मेरे दिल की तमन्ना है मुझे अपना बना लेना
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
तुम साथ जो मेरे हो सब कुछ मैं सह लूंगी
जैसे भी रखो मेरे श्याम वैसे ही मैं रह लूंगी
बेबस बेसहारा को चरणों में जगह देना
सुख दुख में मेरे श्यामा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
बेदर्दी दुनिया है किस पर विश्वास करूं
अब तुम ही बता दो श्याम किसकी में आस करो
शरणागत तुम्हारी हूँ सेवा में लगा ले नाम
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा रे नाम
मेरे दिल की तमन्ना है,
ना धन दौलत मांगी ना संसार माँगा है,
मैंने तो सदा बाबा तेरा प्यार ही मांगा है
ममता और बंसल को चरणों में जगह देना
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
तुम साथ जो मेरे हो सब कुछ मैं सह लूंगी
जैसे भी रखो मेरे श्याम वैसे ही मैं रह लूंगी
बेबस बेसहारा को चरणों में जगह देना
सुख दुख में मेरे श्यामा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
बेदर्दी दुनिया है किस पर विश्वास करूं
अब तुम ही बता दो श्याम किसकी में आस करो
शरणागत तुम्हारी हूँ सेवा में लगा ले नाम
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा रे नाम
मेरे दिल की तमन्ना है,
ना धन दौलत मांगी ना संसार माँगा है,
मैंने तो सदा बाबा तेरा प्यार ही मांगा है
ममता और बंसल को चरणों में जगह देना
सुख दुख में मेरे बाबा सीने से लगा लेना
मेरे दिल की तमन्ना है,
मुझे अपना बना लो श्याम | Mujhe Apna Bana Lo Shyam | स्वर - Mamta Bharti | Full HD Video
Sukh Dukh Mein Mere Baaba Sine Se Laga Lena
Mere Dil Ki Tamanna Hai,
श्याम के प्रति यह मन की पुकार है—मुझे अपना बना लो, सुख-दुख में सीने से लगा लो। उनके साथ हो, तो हर मुश्किल सह लूँ, जैसा रखें, वैसी रह लूँ। बेबस, बेसहारा मन बस उनकी शरण माँगता है, जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सिमट जाए।
दुनिया बेदर्द, भरोसा टूटा—किसकी आस करूँ? श्याम ही बता दो। उनकी शरण में आकर सेवा की चाह है, बस नाम में डूबने की तमन्ना। धन-दौलत, संसार नहीं—बस श्याम का प्यार चाहिए। "ममता" और "बंसल" की अरज यही—चरणों में जगह दो, हर पल सीने से लगाओ। यह भक्ति का रंग है, जो मन को श्याममय करता है, जैसे नदी सागर में मिल जाए।
दुनिया बेदर्द, भरोसा टूटा—किसकी आस करूँ? श्याम ही बता दो। उनकी शरण में आकर सेवा की चाह है, बस नाम में डूबने की तमन्ना। धन-दौलत, संसार नहीं—बस श्याम का प्यार चाहिए। "ममता" और "बंसल" की अरज यही—चरणों में जगह दो, हर पल सीने से लगाओ। यह भक्ति का रंग है, जो मन को श्याममय करता है, जैसे नदी सागर में मिल जाए।
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Author - Saroj Jangir
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