बिणजारी ए हँस हँस बोल भजन
बिणजारी ए हँस हँस बोल भजन
इस भजन में बिणजारी जीवात्मा को कहा गया है और सन्देश है की उसे जो भी ईश्वर ने दिया है उसमे उसे प्रसन्न रहकर सभी से प्रसन्नता पूर्वक बातें करनी चाहिए, एक रोज उसे चला जाना है और उसकी बातें ही शेष रह जानी हैं।
ओ माने परदेशी मत जान,
ओ माने पराई मत जान
बातां थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी
कंठी माला काड डी रे, जायमे रेशमी सूत
सूत बिचारा क्या करे, कापन वाला रे कपूत
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
रामा थारे नाम री मोड़ी पड़ी रे पहचान,
कही दिन बिना बालपन में कही दिन बिता रे अजान,
बाता थारी रह जासी
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
रामा थारे बाग़ में लाम्बा पेड़ खजूर,
छडे तो छाके प्रेम रस
पड़े तो चकनाचूर, बाता थारी रह जासी
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
बाल पाणे बाजियों नहीं रे,
कियो नहीं हरी से हेत
अब पछतावे क्या होवे,
चिड़िया चुग गई खेत,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
बाडद थारी लुट गयी रे,
डाँडो लढ गयो भार
रामानंद रो भने कबीरो,
बेठो मोज माँ,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
मतवाली ओ प्यारी प्यारी बोल,
हस हस बोल बाता थारी रह जासी।
ओ माने पराई मत जान
बातां थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी
कंठी माला काड डी रे, जायमे रेशमी सूत
सूत बिचारा क्या करे, कापन वाला रे कपूत
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
रामा थारे नाम री मोड़ी पड़ी रे पहचान,
कही दिन बिना बालपन में कही दिन बिता रे अजान,
बाता थारी रह जासी
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
रामा थारे बाग़ में लाम्बा पेड़ खजूर,
छडे तो छाके प्रेम रस
पड़े तो चकनाचूर, बाता थारी रह जासी
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
बाल पाणे बाजियों नहीं रे,
कियो नहीं हरी से हेत
अब पछतावे क्या होवे,
चिड़िया चुग गई खेत,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल बाता थारी रह जासी।
बाडद थारी लुट गयी रे,
डाँडो लढ गयो भार
रामानंद रो भने कबीरो,
बेठो मोज माँ,
बिणजारी ऐ हँस हँस बोल,
मतवाली ओ प्यारी प्यारी बोल,
हस हस बोल बाता थारी रह जासी।
बिणजारी ए हँस हँस बोल Binjari Ae Has Has Bol || Neeta Nayak | नीता नायक - Live Bhajan Hyderabad
बिणजारी ऐ हस हस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह ज्यासी।
कंठी माला काठ की रे,
ज्या में रेशम सूत,
सूत बेचारा क्या करे,
ज्यारे काटन वाला कपूत,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
रामा थारे बाग में रे,
लाम्बा पेड़ खजूर,
चढे तो मेवा चाकले,
पड़ता रा चकनाचूर,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बालपने भजियो नही,
कियो न हरी से हेत,
अब पछताया क्या होय,
चिड़िया चुग गयी खेत,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बालद थारी लद गई हो,
गयी लागम लाग,
रामानन्द रा भण कबीरा,
बैठी मोजा मार,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बिणजारी ऐ हस हस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह ज्यासी।
बिणजारी ए हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह ज्यासी।
कंठी माला काठ की रे,
ज्या में रेशम सूत,
सूत बेचारा क्या करे,
ज्यारे काटन वाला कपूत,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
रामा थारे बाग में रे,
लाम्बा पेड़ खजूर,
चढे तो मेवा चाकले,
पड़ता रा चकनाचूर,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बालपने भजियो नही,
कियो न हरी से हेत,
अब पछताया क्या होय,
चिड़िया चुग गयी खेत,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बालद थारी लद गई हो,
गयी लागम लाग,
रामानन्द रा भण कबीरा,
बैठी मोजा मार,
बाता थारी रह जासी,
बिणजारी ऐ हंस हंस बोल,
राजी राजी बोल,
बाता थारी रह ज्यासी।
बिणजारी ऐ हस हस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बाता थारी रह जासी,
म्हाने सौदागर मती जाण,
बाता थारी रह ज्यासी।
बिणजारी ए हँस हँस बोल,
प्यारी प्यारी बोल,
बिणजारी ऐ हँस हंस बोल प्यारी प्यारी बोल - Neeta Nayak नीता नायक
Song Singer : Neeta Nayak , Nita Nayak
Song : binajari ae hasi hansi bol
live at : jeedimetla vader hyderabad , Vishnu samaj
video by : CR kumawat
sound by : bhawani sounds kishan singh
Song : binajari ae hasi hansi bol
live at : jeedimetla vader hyderabad , Vishnu samaj
video by : CR kumawat
sound by : bhawani sounds kishan singh
जीवन की यात्रा में आत्मा को स्नेह भरे बोल बोलने चाहिए, जो हृदय को स्पर्श करें और सत्य का आलिंगन करें। मीठी वाणी से न केवल दूसरों का मन जीता जा सकता है, बल्कि वह अमर होकर काल के गाल में नहीं समाती। जैसे कोई व्यापारी सौदा करता है, वैसे ही हमें जीवन का व्यापार समझना होगा—सत्य और प्रेम के सौदे में कभी घाटा नहीं होता।
काठ की माला और रेशम का धागा जीवन के बाहरी और भीतरी सत्य को दर्शाते हैं। बाहरी आडंबर कितना ही सुंदर हो, यदि मन का धागा कमजोर है, तो सब व्यर्थ। एक कपटी मन, जैसे काटने वाला कपूत, सारी साधना को नष्ट कर देता है। सच्चाई और सरलता ही आत्मा का आभूषण हैं।
फिर जीवन के बगीचे में खजूर का पेड़ ऊँचा तो है, पर उसकी राह कठिन। सत्य और भक्ति का फल तभी मिलता है, जब मन धैर्य और श्रम से उस तक पहुँचे। जल्दबाजी में जो चढ़ता है, वह टूटन का शिकार हो सकता है, जैसे अधूरी साधना मन को भटका देती है।
बचपन में यदि प्रभु का नाम नहीं लिया, तो जवानी और बुढ़ापा पछतावे का खेत बन जाते हैं। जैसे चिड़िया खेत चुग लेती है, वैसे ही समय हाथ से निकल जाता है। फिर भी, जो पल अब है, उसे भक्ति से सजा लें, तो आत्मा का उद्धार संभव है। चाहे कोई भी स्थिति हो, चाहे परदेस का हो जाना हो या अलगाव की पीड़ा, प्रेम और यादें हमेशा जीवित रहती हैं। जीवन के कठिन पलों में भी हँसते-हँसते, प्यारी बातों को बांटते हुए आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि वही स्मृतियाँ हमारे मन की धरोहर होती हैं जो हमेशा साथ रहती हैं। यह भावना जीवन की ऊँच-नीच में स्थिर रहकर, आनंद और सुख के साथ जीने की प्रेरणा देती है।
यह गीत ना केवल व्यक्ति के भीतर के दर्द और फसीलताओं को उजागर करता है, बल्कि उन परिस्थितियों के बीच भी आशा और सहारा देने वाला प्रेम दिखाता है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए, उसकी उम्र भर की यादें, रिश्तों की मिठास मन में बनी रहती है। उन यादों की रक्षा करनी होती है, वे हमारे अनुभवों का हिस्सा होती हैं जो हमें जीवन के प्रति सकारात्मक और प्रेमपूर्ण रवैया अपनाने में मदद करती हैं।
काठ की माला और रेशम का धागा जीवन के बाहरी और भीतरी सत्य को दर्शाते हैं। बाहरी आडंबर कितना ही सुंदर हो, यदि मन का धागा कमजोर है, तो सब व्यर्थ। एक कपटी मन, जैसे काटने वाला कपूत, सारी साधना को नष्ट कर देता है। सच्चाई और सरलता ही आत्मा का आभूषण हैं।
फिर जीवन के बगीचे में खजूर का पेड़ ऊँचा तो है, पर उसकी राह कठिन। सत्य और भक्ति का फल तभी मिलता है, जब मन धैर्य और श्रम से उस तक पहुँचे। जल्दबाजी में जो चढ़ता है, वह टूटन का शिकार हो सकता है, जैसे अधूरी साधना मन को भटका देती है।
बचपन में यदि प्रभु का नाम नहीं लिया, तो जवानी और बुढ़ापा पछतावे का खेत बन जाते हैं। जैसे चिड़िया खेत चुग लेती है, वैसे ही समय हाथ से निकल जाता है। फिर भी, जो पल अब है, उसे भक्ति से सजा लें, तो आत्मा का उद्धार संभव है। चाहे कोई भी स्थिति हो, चाहे परदेस का हो जाना हो या अलगाव की पीड़ा, प्रेम और यादें हमेशा जीवित रहती हैं। जीवन के कठिन पलों में भी हँसते-हँसते, प्यारी बातों को बांटते हुए आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि वही स्मृतियाँ हमारे मन की धरोहर होती हैं जो हमेशा साथ रहती हैं। यह भावना जीवन की ऊँच-नीच में स्थिर रहकर, आनंद और सुख के साथ जीने की प्रेरणा देती है।
यह गीत ना केवल व्यक्ति के भीतर के दर्द और फसीलताओं को उजागर करता है, बल्कि उन परिस्थितियों के बीच भी आशा और सहारा देने वाला प्रेम दिखाता है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए, उसकी उम्र भर की यादें, रिश्तों की मिठास मन में बनी रहती है। उन यादों की रक्षा करनी होती है, वे हमारे अनुभवों का हिस्सा होती हैं जो हमें जीवन के प्रति सकारात्मक और प्रेमपूर्ण रवैया अपनाने में मदद करती हैं।
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Author - Saroj Jangir
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