हे गजानंद महाराज घर म्हारे बेगा आ जाओ
हे गजानंद महाराज घर म्हारे बेगा आ जाओ
हे गजानंद महाराज घर म्हारे,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
सबसे पहले तुमको ध्याते,
गणनायक गणराज,
जल्दी आकर काम बनाते,
देवों के सरताज,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
घर म्हारे बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
मूसे की असवारी सोहे,
गणनायक महाराज,
रूप थारो मनड़ो मोहे,
भक्तों के भरतार,
भरी सभा में आके म्हारी,
लाज बचा जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हर कीर्तन को पहले आके,
सफल बनाते हो,
इसीलिए देवों में पहले,
पूजे जाते हो,
दुखियारे इस ‘राज’ को,
आशीष दे जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हे गजानंद महाराज घर म्हारे,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हे गजानंद महाराज घर
म्हारे बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी
बेगा आ जाओ,
सबसे पहले तुमको ध्याते,
गणनायक गणराज,
जल्दी आकर काम बनाते,
देवों के सरताज,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
घर म्हारे बेगा आ जाओ...
थारे आया,
मूसे की असवारी सोहे,
गणनायक महाराज,
रूप थारो मनड़ो मोहे,भक्तों के भरतार,
भरी सभा में आके म्हारी,
लाज बचा जाओ...
थारे आया,
हर कीर्तन को पहले आके,
सफल बनाते हो,
इसीलिए देवों में पहले,
पूजे जाते हो,
दुखियारे इस राज;
को आशीष दे जाओ...थारे आया,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
सबसे पहले तुमको ध्याते,
गणनायक गणराज,
जल्दी आकर काम बनाते,
देवों के सरताज,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
घर म्हारे बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
मूसे की असवारी सोहे,
गणनायक महाराज,
रूप थारो मनड़ो मोहे,
भक्तों के भरतार,
भरी सभा में आके म्हारी,
लाज बचा जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हर कीर्तन को पहले आके,
सफल बनाते हो,
इसीलिए देवों में पहले,
पूजे जाते हो,
दुखियारे इस ‘राज’ को,
आशीष दे जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हे गजानंद महाराज घर म्हारे,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी,
बेगा आ जाओ।
हे गजानंद महाराज घर
म्हारे बेगा आ जाओ,
थारे आया बात बणसी
बेगा आ जाओ,
सबसे पहले तुमको ध्याते,
गणनायक गणराज,
जल्दी आकर काम बनाते,
देवों के सरताज,
रिद्धि सिद्धि के दाता,
घर म्हारे बेगा आ जाओ...
थारे आया,
मूसे की असवारी सोहे,
गणनायक महाराज,
रूप थारो मनड़ो मोहे,भक्तों के भरतार,
भरी सभा में आके म्हारी,
लाज बचा जाओ...
थारे आया,
हर कीर्तन को पहले आके,
सफल बनाते हो,
इसीलिए देवों में पहले,
पूजे जाते हो,
दुखियारे इस राज;
को आशीष दे जाओ...थारे आया,
गजानंद, गणनायक, भक्तों के संकट हरने वाले, तुम्हारी पुकार हृदय से निकलती है, जैसे बच्चा माँ को बुलाए। मूषक की सवारी, तुम्हारा मनमोहक रूप, भक्तों के मन को हर लेता है। तुम पहले पूजे जाते हो, क्योंकि हर कार्य तुम्हारी कृपा से सिद्ध होता है, जैसे सूरज बिना दिन अधूरा।
रिद्धि-सिद्धि के दाता, तुम जल्दी आकर काम बनाते हो, भरी सभा में लाज रखते हो। भक्त ‘राज’ तुमसे आशीष माँगता है, ताकि दुखों से पार पाए। तुम्हारा आगमन घर में मंगल लाता है, जैसे बारिश धरती को हरा कर दे। बस, सच्चे मन से बुलाओ, गजानंद बेगा आते हैं, हर बिगड़ी बात संवारते हैं। उनके चरणों में प्रेम अर्पण करो, सारा जीवन धन्य हो जाएगा।
Hey Gajanan Maharaj The Bega Aa Jao - Umesh Tambi