राधा है रस की खान रसिया श्याम पिया भजन
राधा है रस की खान रसिया श्याम पिया भजन
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
संग पिया के गेहवल गइयां, दोनों बैठे कदम की छैयाँ।
जोड़ी अजब बनी है श्याम, रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
श्री हरिदास के प्राणन प्यारे, सूरदास के नैनन काले।
तेरी बलिहारी जाऊं मैं, श्याम रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
बांकी अदा की बात निराली, दोनों की छवि लागे प्यारी।
भव से अधम तरी है श्याम, रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
भारती तुम पर बल बल जावे,
तेरी मस्ती में खो जावे।
तेरे चरणन की मैं बलिहार, ओ रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
संग पिया के गेहवल गइयां, दोनों बैठे कदम की छैयाँ।
जोड़ी अजब बनी है श्याम, रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
श्री हरिदास के प्राणन प्यारे, सूरदास के नैनन काले।
तेरी बलिहारी जाऊं मैं, श्याम रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
बांकी अदा की बात निराली, दोनों की छवि लागे प्यारी।
भव से अधम तरी है श्याम, रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
भारती तुम पर बल बल जावे,
तेरी मस्ती में खो जावे।
तेरे चरणन की मैं बलिहार, ओ रसिया श्याम पिया।
मेरी राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया।
राधा है रस की खान, रसिया श्याम पिया | श्याम दिवानी भारती | Biggest Hit Radha Krishna Bhajan 2019
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Singer - Bharti
Album - Radha Hai Ras Ki Khan, Rasiya Shyam Piya
Lyrics - Anil Sharma
Music - Sewa Singh
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यह भजन राधा और श्याम के अनुपम प्रेम और रस का गीत है। राधा रस की खान हैं, और श्याम रसिया, दोनों की जोड़ी कदम की छाँव में गायों संग बैठी, जैसे चंदन की सुगंध हवा में घुले। उनकी यह जोड़ी अजब और अनमोल है, जो हर भक्त के मन को मोह लेती है।
हरिदास के प्राणप्यारे, सूरदास की आँखों के तारे, श्याम की बाँकी अदा और राधा की प्यारी छवि पर सब बलिहार हैं। यह प्रेम भवसागर से तारता है, अधम को भी उबारता है। भक्ति में डूबा भक्त उनके चरणों में बलि-बलि जाता है, उनकी मस्ती में खोकर जीवन को धन्य बनाता है। यह भजन सिखाता है—राधा-श्याम के प्रेम में डूबो, उनके रस में खो जाओ, यही सच्चा सुख और मुक्ति का मार्ग है।
हरिदास के प्राणप्यारे, सूरदास की आँखों के तारे, श्याम की बाँकी अदा और राधा की प्यारी छवि पर सब बलिहार हैं। यह प्रेम भवसागर से तारता है, अधम को भी उबारता है। भक्ति में डूबा भक्त उनके चरणों में बलि-बलि जाता है, उनकी मस्ती में खोकर जीवन को धन्य बनाता है। यह भजन सिखाता है—राधा-श्याम के प्रेम में डूबो, उनके रस में खो जाओ, यही सच्चा सुख और मुक्ति का मार्ग है।
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Author - Saroj Jangir
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