सहेलियां साजन घर आया हो भजन

सहेलियां साजन घर आया हो भजन

सहेलियां साजन घर आया हो।
बहोत दिनांकी जोवती बिरहणि पिव पाया हो।
रतन करूं नेवछावरी ले आरति साजूं हो।
पिवका दिया सनेसडा ताहि बहोत निवाजूं हो।।
पांच सखी इकठी भ मिलि मंगल गावै हो।
पियाका रली बधावणा आणंद अंग न मावै हो।।
हरि सागर सूं नेहरो नैणां बंध्या सनेह हो।
मीरा सखी के आंगणै दूधां बूठा मेह हो।।
 
शब्दार्थ - साजन प्रियतम। जोवती बाट देखती। सनेसडा सन्देश।

रली बधावनां आनन्द बधाई। नेहरो स्नेह। बंध्या फंस गये।
दूधां दूध की धारों से। बूठा बरसे।
पियाजी म्हारे नैणां आगे रहज्यो जी।।
नैणां आगे रहज्यो म्हारे भूल मत जाज्यो जी।
भौ-सागर में बही जात हूं बेग म्हारी सुधि लीज्यो जी।।
राणाजी भेज्या बिखका प्याला सो इमरति कर दीज्यो जी।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर मिल बिछुडन मत कीज्यो जी।।
 

Saheliyan Saajan Ghar Aaya Ri | Hindi Devotional Song | Lata Mangeshkar

मीरा का यह भजन हरि के आगमन की उमंग और प्रेम की वर्षा का मधुर गीत है। सहेलियों के साथ मिलकर मीरा उत्सव मना रही है, क्योंकि बरसों की विरहिणी को उसका साजन, हरि, मिल गया। वह रत्नों की न्यौछावर करती है, आरती सजाती है, और हरि के प्रेम-संदेश को हृदय से लगाती है।

पाँच सखियाँ मंगल गीत गाती हैं, हरि के आगमन का बधावणा (उत्सव) मनाती हैं, और आनंद ऐसा कि अंग-अंग में समाता नहीं। हरि सागर से नेह की धारा बहती है, नयनों में प्रेम बंधा है। मीरा के आँगन में दूध-सा निर्मल प्रेम बरसता है।

यह भजन सिखाता है कि हरि का मिलन आत्मा का सच्चा उत्सव है। मीरा की तरह सखियों के संग हरि का गुणगान करो, प्रेम से पुकारो, वे सदा आँगन में पधारते हैं, और जीवन को प्रेम-मेह से भर देते हैं।

Song : Saheliyan Saajan Ghar Aaya Ri
Singer : Lata Mangeshkar
Music Director : Pt.Hridaynath Mangeshkar
Lyricist : Meera

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