चलो अमरनाथ चलिए चलो अमरनाथ चलिए
चलो अमरनाथ चलिए चलो अमरनाथ चलिए भजन
चलो अमरनाथ चलिए चलो अमरनाथ चलिए,
जो दुनियाँ दा भाली है ओहदा दर जा मिलिए,
स्वर्गा तो वि वद के सोहना शिव भोले दा डेरा है,
अक्खां भर के तकी जावा दिल न रज दा मेरा है,
जित्ट्ठे बूटा बूटा खिल्दा खिल्दी हर कलि है
चलो अमरनाथ चलिए
भरे भंडारे भोले दे मैं वेखी अजब कहानी है,
था था उते लंगर लगे मिलदा दाना पानी है,
सेवादरा दी सेवा दिखी बड़ी अवली है,
चलो अमरनाथ चलिए
विच गुफा दे बेठा भोला कैसा खेल रचाया है,
तेरा दर्शन पान ली आज मानक दर ते आया है,
कहे सितारा रोटक दान चिठ्ठी कलि है,
चलो अमरनाथ चलिए
जो दुनियाँ दा भाली है ओहदा दर जा मिलिए,
स्वर्गा तो वि वद के सोहना शिव भोले दा डेरा है,
अक्खां भर के तकी जावा दिल न रज दा मेरा है,
जित्ट्ठे बूटा बूटा खिल्दा खिल्दी हर कलि है
चलो अमरनाथ चलिए
भरे भंडारे भोले दे मैं वेखी अजब कहानी है,
था था उते लंगर लगे मिलदा दाना पानी है,
सेवादरा दी सेवा दिखी बड़ी अवली है,
चलो अमरनाथ चलिए
विच गुफा दे बेठा भोला कैसा खेल रचाया है,
तेरा दर्शन पान ली आज मानक दर ते आया है,
कहे सितारा रोटक दान चिठ्ठी कलि है,
चलो अमरनाथ चलिए
चलो अमरनाथ Chalo Amarnath,Shiv Bhajans LAKHBIR SINGH LAKKHA बाबा बर्फानी के भजन Amarnath Yatra
Chalo Amaranaath Chalie Chalo Amaranaath Chalie,
Jo Duniyaan Da Bhaalee Hai Ohada Dar Ja Milie,
Jo Duniyaan Da Bhaalee Hai Ohada Dar Ja Milie,
अमरनाथ की पुकार हृदय में गूँजती है, मानो भोले बाबा स्वयं बुला रहे हों। वह पवित्र गुफा, जहाँ शिव का डेरा है, स्वर्ग से भी सुंदर है। वहाँ हर कली खिलती है, हर बूँटे पर प्रभु का रंग बिखरता है। आँखें देखकर तृप्त हो जाती हैं, पर मन फिर भी अधूरा सा रहता है, जैसे भोले के चरणों में और समा जाना चाहता हो।
भोले के भंडारे की बात ही निराली है। वहाँ लंगर में दाना-पानी बँटता है, और हर सेवा में प्रेम झलकता है। जैसे कोई माँ अपने बच्चों को खिलाती है, वैसे ही भोले की कृपा हर भक्त पर बरसती है। गुफा में बाबा का वह खेल, वह बर्फ का शिवलिंग, मन को मोह लेता है। वहाँ खड़े होकर लगता है, जैसे सारी दुनिया की चिंताएँ पिघल गईं।
सितारा कहता है, एक बार दर्शन को चलो। वह चिट्ठी, वह रोटक, वह दान—सब भोले की माया है। जो मन से पुकारे, उसका बाबा दर खुला है। अमरनाथ का रास्ता कठिन हो सकता है, पर हर कदम पर भोले का सहारा है। बस, श्रद्धा से चल पड़ो, भोले की शरण में सुख ही सुख है।
भोले के भंडारे की बात ही निराली है। वहाँ लंगर में दाना-पानी बँटता है, और हर सेवा में प्रेम झलकता है। जैसे कोई माँ अपने बच्चों को खिलाती है, वैसे ही भोले की कृपा हर भक्त पर बरसती है। गुफा में बाबा का वह खेल, वह बर्फ का शिवलिंग, मन को मोह लेता है। वहाँ खड़े होकर लगता है, जैसे सारी दुनिया की चिंताएँ पिघल गईं।
सितारा कहता है, एक बार दर्शन को चलो। वह चिट्ठी, वह रोटक, वह दान—सब भोले की माया है। जो मन से पुकारे, उसका बाबा दर खुला है। अमरनाथ का रास्ता कठिन हो सकता है, पर हर कदम पर भोले का सहारा है। बस, श्रद्धा से चल पड़ो, भोले की शरण में सुख ही सुख है।
Baba Barfani Ke Bhajan: Chalo Amarnath
Singer: Lakhbir Singh Lakkha
Music Director: Durga-Natraj
Lyricist: RAJ PAL SHARMA
Album: SAWAN KA MAHINA AA GAYA
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Author - Saroj Jangir
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