मेरा अंतर तिमिर मिटाओ सतगुरु लिरिक्स Mera Antar Timir Mitao Satguru Lyrics

मेरा अंतर तिमिर मिटाओ सतगुरु लिरिक्स Mera Antar Timir Mitao Satguru Lyrics

मेरा अंतर तिमिर मिटाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
हे योगेश्वर, हे परमेश्वर,
निज कृपा दृष्टि बरसाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
हम बालक तेरे द्वार पे आये,
मंगल दरश कराओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
अंतर में युग युग से सोई चित्त-शक्ति को जगाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
सांची ज्योत जगे हृदय में सोहम नाद जगाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
शीश झुकाये करें तेरी आरती, प्रेम सुधा बरसाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
जीवन में श्री राम अविनाशी, चरनन शरण लगाओ
सतगुरु ज्योत से ज्योत जलाओ
 

मेरा अंतर तिमिर मिटाओ सतगुरु लिरिक्स Mera Antar Timir Mitao Satguru Lyrics

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Jeevan Mein Shree Raam Avinaashee, Charanan Sharan Lagao
Sataguru Jyot Se Jyot Jalao 
 
"मेरा अंतर तिमिर मिटाओ" भजन में, भक्त अपने अंतर में व्याप्त अज्ञान और अंधकार को दूर करने के लिए सदगुरु से प्रार्थना करता है। वह गुरु से अपनी आत्मा में ज्ञान और प्रकाश का संचार करने की प्रार्थना करता है। यह भजन हमें यह शिक्षा देता है कि हमें अपने जीवन में गुरु का मार्गदर्शन ग्रहण करना चाहिए। गुरु हमें आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। सद्गुरु ही साधक के जीवन में अज्ञानता के अँधेरे को दूर करने में सक्षम हैं.

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