सरस्वती चालीसा एकाग्रता बढाने के लिए

माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है। सरस्वती जी को वाग्देवी के नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती जी को श्वेत वर्ण अत्यधिक प्रिय होता है। श्वेत वर्ण सादगी का परिचायक होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार श्री कृष्ण जी ने सर्वप्रथम सरस्वती जी की आराधना की थी। सरस्वती जी की पूजा साधना में निम्न चालीसा का विशेष महत्त्व है।

सरस्वती चालीसा

॥दोहा॥
जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।
दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥

॥चालीसा॥
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥1

रूप चतुर्भुज धारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।तब ही धर्म की फीकी ज्योति॥2

तब ही मातु का निज अवतारी।पाप हीन करती महतारी॥
वाल्मीकिजी थे हत्यारा।तव प्रसाद जानै संसारा॥3

रामचरित जो रचे बनाई।आदि कवि की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥4



तुलसी सूर आदि विद्वाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा।केव कृपा आपकी अम्बा॥5

करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करहिं अपराध बहूता।तेहि न धरई चित माता॥6

राखु लाज जननि अब मेरी।विनय करउं भांति बहु तेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥7

मधुकैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना॥
समर हजार पाँच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा॥8

मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।बुद्धि विपरीत भई खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥9

चंड मुण्ड जो थे विख्याता।क्षण महु संहारे उन माता॥
रक्त बीज से समरथ पापी।सुरमुनि हदय धरा सब काँपी॥10

काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।बारबार बिन वउं जगदंबा॥
जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा॥11

भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥
एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा॥12

को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥13

रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥14

दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित को मारन चाहे।कानन में घेरे मृग नाहे॥15

सागर मध्य पोत के भंजे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥16

नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करई न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि भाई॥17

करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा॥
धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥18

भक्ति मातु की करैं हमेशा। निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें सत बारा। बंदी पाश दूर हो सारा॥19

रामसागर बाँधि हेतु भवानी।कीजै कृपा दास निज जानी।20

॥दोहा॥
मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप।
डूबन से रक्षा करहु परूँ न मैं भव कूप॥
बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।
राम सागर अधम को आश्रय तू ही देदातु॥


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माँ सरस्वती की पूजा और सरस्वती चालीसा का नियमित पाठ से ज्ञान, बुद्धि, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों के लिए यह एकाग्रता और सफलता की कुंजी है, जिससे वे अपनी शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, यह मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस प्रकार, सरस्वती चालीसा का पाठ न केवल भक्ति का माध्यम है, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार का एक प्रभावी और सुन्दर भी है।

माता सरस्वती का चित्रण है, जो बुद्धि, बल और ज्ञान की दात्री हैं। वीणा लिए, हंस पर सवार, चतुर्भुज रूप में सारी सृष्टि में विख्यात। जहाँ पाप और अज्ञान बुद्धि को ग्रस ले, वहाँ माता अवतरित हो धर्म की ज्योति प्रज्वलित करती हैं। वाल्मीकि, कालिदास, तुलसी, सूर जैसे विद्वानों को उनकी कृपा से ज्ञान और काव्य की सिद्धि प्राप्त हुई। दीन-दुखी साधक की पुकार पर माता करुणा बरसाती हैं, पुत्र के अपराध क्षमा कर उनकी लाज रखती हैं। मधुकैटभ, चंड-मुंड, रक्तबीज, शुंभ-निशुंभ जैसे दानवों का संहार कर साधकों की रक्षा की। दुर्गम कार्य सिद्ध कर दुर्गा नाम धरा। राजा के कोप, जंगल की बाधा, समुद्र के तूफान, भूत-प्रेत या दरिद्रता में उनका नाम जपने से मंगल होता है। पुत्रहीन को संतान, संकटग्रस्त को मुक्ति, और बंदी को बंधनमुक्ति उनकी कृपा से प्राप्त होती है। रामसागर जैसे साधक उनकी शरण में बुद्धि, विद्या और आश्रय पाते हैं। यह सरस्वती भक्ति का मार्ग है, जहाँ माता का स्मरण साधक को ज्ञान, शांति और सिद्धि प्रदान करता है।

Title: Saraswati Chalisa Fast
Singer: Anuradha Paudwal
Music Director: Navin-Manish
Edit & Gfx: Chetan Garud Productions LLP
Music Label: Music Nova

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