भगवान शिव का मूल मंत्र :-
||ॐ नमः शिवाय ||
महामृत्युंजय मंत्र :-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इस मंत्र के नियमित उच्चारण और श्रवण मात्र से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है , सभी सांसारिक कष्टों और रोगों से मुक्ति मिलती है | शिवपुराण अनुसार यदि इस मंत्र के सवा लाख जाप किये जाये तो जीवन में आने वाले सभी कष्ट समाप्त होकर मनुष्य दीर्घायु को प्राप्त होता है | महामृत्युंजय मंत्रो का जाप भगवान शिव के मंदिर में शिवलिंग के समक्ष करना श्रेष्ठ होता है(Shiv Mantra in Hindi) |
महामृत्युंजय गायत्री मंत्र :-
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः ॐ सः जूं हौं ॐ ||
महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र दोनों ही मंत्र हिन्दू धरम में सर्वोच्च स्थान रखते है | दोनों में से यदि किसी भी एक मंत्र का सवा लाख जाप किया जाये तो किसी भी इच्छा को पूर्ण किया जा सकता है | हमारे ऋषि मुनिओं ने दोनों मंत्रो को मिलाकर एक मंत्र का निर्माण किया था जिसे मृत संजीवनी मंत्र के नाम से जाना जाता है |
ऐसी मान्यता है कि यदि इस मंत्र का पूर्ण विधि अनुसार प्रयोग किया जाये तो किसी मृत व्यक्ति को भी जीवित किया जा सकता है | इसलिए इस मंत्र का नाम मृत संजीवनी मंत्र रखा गया है | इस मंत्र में असीमित उर्जा का वास है | एक साधारण व्यक्ति इस उर्जा को नियंत्रित नहीं कर सकता है(Shiv Mantra in Hindi) |
रूद्र गायत्री मंत्र : –
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।कभी -कभी जीवन में ऐसी कठिनाइयाँ आ जाती है जो मनुष्य जीवन को नरक बना देती है | ऐसे में मनुष्य के हर काम बिगड़ते चले जाते है | भगवान शिव का यह रूद्र गायत्री मंत्र आपको जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों से छुटकारा दिलाता है | जितना संभव हो सके आप अपने सामर्थ्य अनुसार भगवान शिव के मंदिर जाकर उनकी विधिवत पूजा कर इस मंत्र के जाप करें, सभी परेशानियाँ स्वतः ही दूर होने लगेगी |
भगवान शिव के अन्य उपासना मंत्र : –
उपरोक्त मंत्रों के अतिरिक्त आप इन मन्त्रों द्वारा भी भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते है :
ॐ जुं स:
ॐ हौं जूं स:
ॐ ह्रीं नम: शिवाय
ॐ ऐं नम: शिवाय
ॐ पार्वतीपतये नमः
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय