आएगा आएगा मेरा सांवरा भजन
आएगा आएगा मेरा सांवरा भजन
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
जब जब भी इस जहां में दिल से पुकार होगी,
नीले की वो सवारी सज के त्यार होगी,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
चाहे गम की अँधिया हो संकट की हो हवाएं,
विश्वाश का दीपक तेरा न बुझने पाये,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
पाता सदा रहा है पाता ही ये रहेगा,
बाबा का सच्चा प्रेमी हर हाल में कहेगा,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
चली है जिनकी सांसे श्री श्याम के दर्श से,
कहते है उनकी आंखे रोमी बरस बरस के,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
जब जब भी इस जहां में दिल से पुकार होगी,
नीले की वो सवारी सज के त्यार होगी,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
चाहे गम की अँधिया हो संकट की हो हवाएं,
विश्वाश का दीपक तेरा न बुझने पाये,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
पाता सदा रहा है पाता ही ये रहेगा,
बाबा का सच्चा प्रेमी हर हाल में कहेगा,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
चली है जिनकी सांसे श्री श्याम के दर्श से,
कहते है उनकी आंखे रोमी बरस बरस के,
आएगा आएगा मेरा सांवरा,
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यह भजन श्रीकृष्णजी की कृपा और उनके आगमन की आशा से ओतप्रोत है। यह भाव बताता है कि जब भक्त सच्चे हृदय से पुकारता है, तब श्रीकृष्णजी उसकी प्रार्थना को सुनते हैं और अपने अनंत प्रेम से उसे आच्छादित करते हैं।श्रद्धा की यह गहराई दर्शाती है कि चाहे जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, भक्त का विश्वास अटूट रहना चाहिए। संकट की आंधियाँ और दुखों की लहरें जब मनुष्य को घेरती हैं, तब केवल श्रीकृष्णजी का स्मरण ही उसे सुरक्षित रख सकता है। उनकी कृपा अमोघ है, और जब कोई उन्हें पुकारता है, तब वे अवश्य आते हैं।
भजन में यह अनुभूति व्यक्त होती है कि सच्चा भक्त कभी अपने आराध्य से दूर नहीं होता—उसकी सांसें, उसका जीवन केवल श्रीकृष्णजी की भक्ति में रम जाता है। यह प्रेम सांसारिक सीमाओं से परे होता है, जहाँ श्रीकृष्णजी के दर्शन ही जीवन का अंतिम उद्देश्य बन जाता है।