छोड़ो कल की बातें देशभक्ति गीत
छोड़ो कल की बातें देशभक्ति गीत
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी...
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है...
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
नया खून है...
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के
दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के
ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के
नया खून है...
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है चांदी की जमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है...
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी...
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने
नया खून है...
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को गौतम की भूमि को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
नया खून है...
दाग गुलामी का धोया है जान लुटा के
दीप जलाए हैं ये कितने दीप बुझा के
ली है आज़ादी तो फिर इस आज़ादी को
रखना होगा हर दुश्मन से आज बचा के
नया खून है...
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो
सोने की ये गंगा है चांदी की जमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है...
सुंदर देशभक्ति गीत में भारत की नई उमंग, प्रगति और स्वतंत्रता के प्रति अटल संकल्प का उद्गार झलकता है, जो हर भारतीय के मन में अपने देश के लिए नई कहानी लिखने की प्रेरणा जगाता है। यह भाव उस सत्य को प्रकट करता है कि पुरानी बेड़ियों को तोड़कर और नई मंजिलों को अपनाकर भारत न केवल अपने गौरवशाली अतीत को संजोता है, बल्कि एक उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ता है।
“छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी” का आह्वान भूतकाल की सीमाओं को पीछे छोड़कर नए दौर में नई कहानी लिखने की प्रेरणा देता है। यह उद्गार मन को उस अनुभूति से जोड़ता है, जैसे कोई यात्री पुराने बोझ को त्यागकर नई राह पर उत्साह से चल पड़ता है। चाँद के दर तक पहुँचने और नए जगत से नाता जोड़ने का उल्लेख भारत की वैज्ञानिक और सामाजिक प्रगति को रेखांकित करता है।
नए ताजमहल बनाने, अजंता को सजाने और दरियाओं का रुख पलटने का भाव देश की सांस्कृतिक और प्राकृतिक समृद्धि को और बढ़ाने की आकांक्षा को दर्शाता है। यह भाव उस सत्य को उजागर करता है कि भारत का हर नागरिक अपने देश को और सुंदर बनाने का दायित्व रखता है। जैसे कोई विद्यार्थी अपने गुरु की प्रेरणा से नई रचनाएँ गढ़ता है, वैसे ही यह गीत हर भारतीय को मेहनत को ईमान और अपने हाथों से भगवान बनाने की प्रेरणा देता है।
राम और गौतम की इस धरती को सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाने का आह्वान देश की आध्यात्मिक और नैतिक विरासत को संजोने की भावना को दर्शाता है। यह उद्गार उस विश्वास को प्रकट करता है कि मेहनत और एकता से भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाया जा सकता है। गुलामी के दाग को खून से धोने और आजादी को हर दुश्मन से बचाने का संकल्प शहीदों की कुर्बानी और स्वतंत्रता की कीमत को याद दिलाता है।
हर जर्रे में मोती, मिट्टी में सोना और गंगा-यमुना की समृद्धि का उल्लेख भारत की अनमोल प्राकृतिक और सांस्कृतिक संपदा को दर्शाता है। यह गीत हर हृदय को प्रेरित करता है कि आँख उठाकर इस धरती की संभावनाओं को देखें और मेहनत से पत्थर पर भी धान उगाएँ। यह सिखाता है कि नया खून और नई उमंगें ही भारत को नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगी।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |