दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खाके लिरिक्स Duniya Ke Dwaro Se Thokar Khake Lyrics


Latest Bhajan Lyrics

दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खाके लिरिक्स Duniya Ke Dwaro Se Thokar Khake Lyrics

दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,
मेरी सुनी हो गई मांग।
सो गया बगियाँ का माली,
छोड़ चले भरतार,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,
तारा सा टुटा है हुआ रोग न कोई,
चली आई दर तेरे संजोग है कोई,
क्या बिगड़ा ऐसा कर्म मेरी क्यों किस्मत फूटी,
रूठ गये करतार,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,
बनता है कुछ भी न सिवा एक रोने से,
खुशियों से झूमी थी बिन देख गोने के,
कितने ही लुटा सुहाग न छूटी हाथो के,
मेहँदी रह गई मैं मजधार,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,
कहते है तुम सब की बिगड़ी बनाते हो,
दुखियो के दातारि दुखड़े मिटाते हो,
करे आज विनती ये अभागी झोली फैला के,
भीख दया की डाल,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,

विनती सुनी जो न तन मैं भी त्यागु गी,
तेरी चौकठ पे घनश्याम खुद को मिटा दूंगी,
अब हाथो में तेरे डुबोदे या कर दे तू पार,
वर्मा लुटा संसार,
दुनिया के द्वारो से मैं ठोकर खा के
श्याम धणी आई हूँ तेरे द्वार,
 


आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
Next Post Previous Post