खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने भजन

खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ोगो भजन

खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ो गो,
भगता पुकारे थारा नाम दर्श दिखाना पड़ोगो.
खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ोगो,

दूर दूर रह के भगता ने कह सताओ,
भूल माहरी बाबा जी किवे तो बताओ,
चुप क्यों बैठा हो बाबा श्याम आज तो बतानो पड़ो गो,
खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ोगो,

रूस्या हो तो बाबा थाने मैं मनावा
रोज रोज नया नया भजन मैं सुनावा,
एहो दयालु बाबा श्याम
इब तो माहने जानो पड़ो गो,
खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ोगो,

दूर को न बाबा ये हमारी नगरियां
खाटू से आवन की सीधी डिग्रियां,
बेगा सा आहो जी माहरा गांव,
आज थाने आनो पड़ो गो,
खाटू वाले बाबा श्याम आज थाने आनो पड़ो गो,

हे तो बाबा माहने खाटू भुलाओ के तो
लीले चढ़ के कृष्णा मंदिर में आओ,
अर्जी गुजारे हरी राम दर्श दिखानो पड़ोगो,
भक्ता पुकारो तेरो नाम दर्श दिखानो पड़ोगो,

सुन्दर भजन में खाटू वाले श्रीकृष्णजी, श्याम बाबा के प्रति भक्त की व्याकुल पुकार और उनके दर्शन की तीव्र लालसा का हृदयस्पर्शी चित्रण है। भक्त बाबा को तुरंत अपने पास बुलाता है, उनकी उपस्थिति और दर्शन के लिए प्रार्थना करता है, क्योंकि उनका नाम ही उसका आधार है। वह दूर रहकर सताए जाने की पीड़ा व्यक्त करता है और अपनी भूलों के लिए क्षमा माँगता है, जैसे एक बालक माता से अपनी गलती माने। यह उद्गार सिखाता है कि सच्ची भक्ति में प्रभु के प्रति सरलता और विश्वास ही हृदय को उनके निकट लाता है।

भक्त श्याम बाबा को मनाने के लिए नए-नए भजन गाने और अपनी भक्ति से उन्हें प्रसन्न करने का संकल्प लेता है। वह बाबा की दयालुता पर भरोसा करता है और खाटू से अपने गाँव तक उनकी शीघ्र आगमन की कामना करता है। बाबा को लीले चढ़कर मंदिर में आने और दर्शन देने की अर्जी हरी-राम के साथ जोड़ता है, जो उसकी गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। जैसे वर्षा प्यासी धरती को तृप्त करती है, वैसे ही श्याम बाबा की कृपा भक्त के हृदय को शांति और आनंद से भर देती है। यह भाव प्रदर्शित करता है कि प्रभु का दर्शन और प्रेम ही भक्त के जीवन का सबसे बड़ा सुख है।

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