हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है
श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता है,हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
श्याम का भरोसा जिसे नहीं घबराता है,
जिसने भी जोड़ा नाता उसका बना ये दाता,
सारे जमा खर्च का ये ही सम्बाले खाता,
उसे कोई चिंता नहीं मौज उड़ाता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
टूटी भले हो नैया घनश्याम है खिवैयाँ,
अंधे की लाठी बनता मेरा संवारा कन्हियाँ,
प्रेमियों का मान रखे लाड लड़ाता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
चाहे जग बैरी हॉवे न बाल बांका हॉवे,
विष अमृत में ढल जाता पानी में पत्थर तेहरे,
भक्त पुकारे तू ये दौड़ा दौड़ा आता है,
हारे का सहारा श्याम लाज बचाता है,
सुन्दर भजन में श्याम की असीम कृपा और उनके भरोसे से मिलने वाली शांति को दर्शाया गया है। जब भक्त जीवन के संघर्षों से घिर जाता है, तब श्याम का सहारा ही उसकी ढाल बनता है। उनका प्रेम ऐसा है कि जिसने भी अपना नाता जोड़ा, वह उनके आशीर्वाद से धन्य हो गया। यह भाव प्रकट करता है कि श्याम किसी को भी असहाय नहीं छोड़ते। जीवन की कठिन राहों में जब नैया डगमगाने लगती है, तो बाबा खुद उसे पार लगाते हैं। उनकी कृपा अंधे की लाठी बन जाती है, जो हर भक्त को सही दिशा प्रदान करती है। भक्ति का यह विश्वास जीवन को नई ऊर्जा और आनंद से भर देता है।
जब संसार विपरीत परिस्थितियों में डालता है, तब बाबा का नाम ही संबल बनता है। उनका आशीर्वाद ऐसा है कि विष भी अमृत में बदल जाता है और पत्थर पर भी जीवन के भाव अंकित हो जाते हैं। जब कोई सच्चे मन से पुकार करता है, तब बाबा हर संकट को दूर करने दौड़े चले आते हैं।
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