प्रेम ही कारोबार है अपना प्रेम ही करना
प्रेम ही कारोबार है अपना प्रेम ही करना जाने हम है श्याम दिवाने
नहीं परवाह है मुझको कान्हा बस तु बदल ना जाना
प्रेम ही कारोबार है अपना प्रेम ही करना जाने
हम है श्याम दिवाने
हम कीर्तनीया कीर्तन करते, कीर्तन करना जाने,
हम है श्याम दिवाने
गाँव-गाँव और गली-गली में महिमा श्याम की गावे,
जहाँ-जहाँ हो कीर्तन प्रभु का हम तो वही रम जावे,
मील गई जबसे चरण-चाकरी.....
मील गई जबसे चरण-चाकरी बन-गए हम मस्ताने...
हम है श्याम दिवाने
श्याम दिवाने शामिल होकर संगत श्याम की गाए,
जय श्री श्याम से करे अभिवादन, सबमे श्याम को पाऐ,
उच-नीच का भेद ना जाने,
उच-नीच का भेद ना जाने, सबको अपना माने...
हम है श्याम दिवाने
शरण सुदामा के जैसी दो घन्ना की सी लगन,
नानी नरसी सुर कबीरा जैसे हुए है मगन,
"सोहन" मीरा के संदेशे हमे लगे है भाने,
हम है श्याम दिवाने
HUM HAI SHYAM DEEWANE | SOHAN BHAI AGRAWAL | AYU MALHOTRA | PS VISION
SONG:- HUM HAI SHYAM DEEWANE
PRODUCED BY:- AYU MALHOTRA
SINGER:- SOHAN BHAI AGRAWAL
LYRICS:- SOHAN BHAI AGRAWAL
MUSIC:- PS VISION
दुनिया कितनी भी घूम जाए, चाहे जमाना नए रंग दिखाए, लेकिन कान्हा का वो प्रेम कभी ना बदले, यही तो असली मजबूती है जीवन की। प्रेम ही सबकुछ, जैसे कोई कारोबार जो कभी घाटे में ना जाए, बस देना और लेना उसकी भाषा। श्याम के दीवाने ऐसे रमते हैं, जैसे कीर्तन में डूबकर दुनिया भूल जाते हैं।
गांवों की गलियों में घूमकर श्याम की महिमा फैलाते, जहां कहीं कीर्तन हो, वहीं दिल लग जाता है। चरणों की सेवा मिली तो बस मस्त हो गए, जैसे कोई खजाना हाथ लग गया हो। संगत में मिलकर सब जय श्री श्याम बोलते, और हर किसी में श्याम को देखते, ऊंच नीच का फर्क भूलकर सबको अपना मानते।
ये प्रेम की राह ऐसी, जहां भेदभाव मिट जाता है, सब एक हो जाते हैं। चिंतन करने पर लगता है, असली खुशी इसी में है, बाकी सब मोह माया। धर्म का ज्ञान यही देता है, प्रेम से बड़ा कोई देवता नहीं, बस उसे जीना सीखो।
