हमने सुना है नंबर १ हो भजन

हमने सुना है नंबर १ हो भजन

हमने सुना है नंबर १ हो बाबा लखदातारी में,
ऐसी क्या गलती हो गई जो चुप बैठे मेरी वारि में,

दुनिया ने क्या काम है रुलाया जो अब तुम भी रुलाओ गए,
सोचा था केवल अब तुम ही मेरा साथ निभाओ गए,
कौन कमी अब आ गई बाबा तेरी इस दातारि में,
हमने सुना है नंबर..........

क्या कोई तुम ख़ास प्रेमियों पे किरपा बरसाते हो,
ऐसा है तो फिर क्यों सबको अपना पता बताते हो,
सबको कह दो कोई न आये दुःख तालीफ़ बीमारी में,
हमने सुना है नंबर...........

हमको वापिस खाली हाथो दर से यु लौटाओ गए,
पूछे गए जब दुनिया वाले कारन क्या बतलाओ गए,
इतनी परीक्षा ठीक नहीं है बाबा अब लाचारी में,
हमने सुना है नंबर...

जाये अगर तेरी लाज कन्हैया वो हमको मंजूर नहीं,
बतला देना जग वालो को सोनी का ही कसूर कोई,
सारी गलती रह जाए गई बाबा तुछ बीमारी में,
हमने सुना है नंबर

सुंदर भजन में खाटू वाले श्रीकृष्णजी, जिन्हें लखदातारी के रूप में पुकारा गया है, के प्रति भक्त की गहरी भक्ति और थोड़ी सी नाराज़गी भरी पुकार का भाव उभरता है। यह ऐसा है, जैसे कोई अपने सबसे प्यारे बाबा से मन की बात कह रहा हो, जिसमें प्यार, विश्वास, और थोड़ा सा गिला-शिकवा शामिल है। “हमने सुना है नंबर 1 हो” की पंक्ति उनकी महिमा को दर्शाती है, पर भक्त का यह पूछना कि “क्या गलती हो गई” उस बेचैनी को दिखाता है, जैसे कोई अपने प्रिय से कहे, “मैंने तो तुम पर भरोसा किया, फिर क्यों चुप हो?”

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