जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है लिरिक्स जैन भजन

जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है लिरिक्स जैन भजन Jo Swarg Dekhna Chahate Hain

 
जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है लिरिक्स जैन भजन

जो स्वर्ग देखना चाहते है,
वो कम्पिल जी आ जाते है,
जिन प्रभु की नगरी कम्पिल जी,
जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है,

यहाँ प्रभु विराजे कण कण में वो कष्ट निवारे इक शन में,
वो वसे यहाँ रोम रोम वो शिखर में है जड़ में है,
जो मन में उनका ज्ञान धरे जिनप्रभु उन्हें मिल जाते है,
जिन प्रभु की नगरी कम्पिल जी,
जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है,

जिन प्रभु का सच्चा दर है ये,
प्रभु विमल नाथ का दर है ये,
जग पूज रहा जिन मंत्रो से संगीत का ऐसा स्वर है ये,
जिन प्रभु की नगरी कम्पिल जी,
जिन प्रभु यहाँ मिल जाते है,
 
 
Jo Svarg Dekhana Chaahate Hai,
Vo Kampil Jee Aa Jaate Hai,
Jin Prabhu Kee Nagaree Kampil Jee,
Jin Prabhu Yahaan Mil Jaate Hai,

Yahaan Prabhu Viraaje Kan Kan Mein Vo Kasht Nivaare Ik Shan Mein,
Vo Vase Yahaan Rom Rom Vo Shikhar Mein Hai Jad Mein Hai,
Jo Man Mein Unaka Gyaan Dhare Jinaprabhu Unhen Mil Jaate Hai,
Jin Prabhu Kee Nagaree Kampil Jee,
Jin Prabhu Yahaan Mil Jaate Hai,

Jin Prabhu Ka Sachcha Dar Hai Ye,
Prabhu Vimal Naath Ka Dar Hai Ye,
Jag Pooj Raha Jin Mantro Se Sangeet Ka Aisa Svar Hai Ye,
Jin Prabhu Kee Nagaree Kampil Jee,
Jin Prabhu Yahaan Mil Jaate Hai,
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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