खाटू जाने वालो का काम हो भजन

खाटू जाने वालो का काम हो गया भजन

रातो रात उनको आराम हो गया,
श्याम साथ हो गया सिर पे हाथ हो गया,

देख जरा तू पला बिछा के खाली ना जाये गा दर से,
मिल जाए गा तुझ को वो सब बरसो से जिसको तू तरसे,
जैकारा लगाले श्याम दिल में वसा ले,
खाटू जाने वालो का काम ....

निर्बल को है ये बल देते निर्धन को देते है माया,
ल्ख्दातारी लाख कर देते अज़ब निराली है माया,
जो हारा वो पुकारा उसे मिलता है सहारा,
खाटू जाने वालो का काम......

कन्हैया के दिल की सुनने वाला तेरी भी सुन लेगा प्यारे,
छोटे बड़े का बेद नही है देख बराबर सारे,
जो आता वो पाता दर से खाली कोई ना जाता,
खाटू जाने वालो का काम

सुंदर भजन खाटू धाम की यात्रा और श्याम के प्रति अटूट विश्वास का उद्गार है। सच्चे मन से श्याम के दर पर जाने वाला कभी खाली नहीं लौटता; उसे रातों-रात सुकून और शांति मिलती है। श्याम का साथ हर मुश्किल को आसान बनाता है, जैसे कोई सिर पर हाथ रखकर सारी चिंताएँ दूर कर दे। ये यात्रा सिर्फ़ जगह तक नहीं, बल्कि मन की पुकार को श्याम तक पहुँचाने का रास्ता है। जैसे कोई बरसों की इच्छा लिए जाता है और वहाँ मन हल्का हो जाता है।

कमज़ोर को ताकत और निर्धन को समृद्धि देने वाली श्याम की कृपा अनोखी है। हारा हुआ इंसान जब पुकारता है, उसे सहारा मिलता है, जैसे थके हुए को नई राह दिखे। उनकी माया छोटे-बड़े का भेद नहीं देखती; हर कोई बराबर है। श्याम हर दिल की सुनते हैं, और उनके दर पर आने वाला कुछ न कुछ पाकर ही लौटता है—चाहे शांति, हिम्मत, या आशीर्वाद। ये विश्वास मन को ऐसी ताकत देता है कि हर मुश्किल पार हो जाती है।

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