खाटू में जाके श्याम का दरबार देख भजन
खाटू में जाके श्याम का दरबार देख लो भजन
भक्तो पे जो बरस रहा वो प्यार देखलो,
खाटू में जाके श्याम ........
चार चाँद चार तारे सब झूमते यहाँ,
मस्ती अनोखी एसी भला पाओ गे काहा,
भगतो का झूमता यहाँ संसार देखलो,
खाटू में जाके श्याम .....
धोखा अगर मिले तुमसे संसार से कभी,
जब नाव डूबने लगे मजधार में कभी,
करते पार नीले का असवार देखलो,
खाटू में जाके श्याम ......
इक जा के देखलो दरबार श्याम के,
निच्ती बनोग्ये तुम सुनो दीवाने नाम के,
जाऊ गे दर पे श्याम के हर बार देखलो,
खाटू में जाके श्याम .....
सुन्दर भजन में खाटू के श्याम के दरबार की महिमा और वहाँ बरसने वाले प्रेम का मनोरम चित्रण है। खाटू का दरबार वह पवित्र स्थान है, जहाँ भक्तों पर श्रीकृष्णजी की असीम कृपा बरसती है। चारों ओर चाँद-तारे झूमते हैं और भक्तों का संसार मस्ती में डूबा है, जो एक अनोखा आनंद देता है। जैसे एक मेला रंगों और उत्साह से भरा होता है, वैसे ही श्याम का दरबार भक्ति और प्रेम का उत्सव है। यह उद्गार सिखाता है कि प्रभु का दरबार वह जगह है, जहाँ मन को सच्ची शांति और आनंद मिलता है।
जब संसार धोखा देता है या जीवन की नाव मझधार में डूबने लगती है, तब श्याम का दर ही एकमात्र सहारा है। नीले असवार श्रीकृष्णजी हर संकट से पार लगाते हैं। खाटू में उनके दर्शन करने वाला भक्त उनके नाम का दीवाना बन जाता है और बार-बार उनके दर पर लौटता है। जैसे एक प्यासा कुएँ के जल की ओर खिंचता है, वैसे ही भक्त श्याम के प्रेम में खिंचता है। यह भाव दर्शाता है कि सच्ची भक्ति जीवन के हर दुख को मिटाकर हृदय को विश्वास और प्रेम से भर देती है।
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